नई दिल्ली, 14 मई। दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में ऐसा बयान दिया, जिससे पूरी आम आदमी पार्टी (AAP) की ही मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं।
दरअसल, दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने साफ कह दिया कि वह जल्द ही आम आदमी पार्टी को भी आरोपित बनाने जा रही है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में ईडी के वकील जोएब हुसैन ने कहा, ‘नई चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को सह आरोपित बनाया जाएगा।’
जांच एजेंसी के वकील ने आगे कहा कि आरोपित व्यक्तियों की ओर से आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी की कोशिश की जा रही है। वहीं सिसोदिया के लिए जमानत मांगते हुए सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी और सीबीआई अब भी लोगों की गिरफ्तारी कर रही है और ट्रायल के जल्द निष्कर्ष का सवाल नहीं है।
दावे के मुताबिक यदि ईडी आम आदमी पार्टी को आरोपित बनाती है तो यह पहली बार होगा, जब किसी राष्ट्रीय दल के खिलाफ पीएमएलए का केस दर्ज होगा। जानकारों का मानना है कि आरोपित बनाए जाने से आम आदमी पार्टी के खिलाफ मुसीबतों के नए दौर की शुरुआत हो सकती है। पार्टी की संपत्ति से लेकर निशान तक पर खतरा मंडरा सकता है।
एक दशक पहले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के कोख से जन्मी पार्टी के मुखिया समेत कई नेता कथित शराब घोटाले में पहले ही जेल जा चुके हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल फिलहाल 21 दिनों की अंतरिम जमानत पर बाहर निकले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए राहत दी है।
ईडी का आरोप है कि वित्त वर्ष 2021-22 की शराब नीति में भ्रष्टाचार हुआ। केंद्रीय जांच एजेंसी का दावा है कि शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने रिश्वत ली। ईडी कोर्ट के सामने यह भी कह चुकी है कि घोटाले की रकम का फायदा आम आदमी पार्टी को भी मिला। दावा है कि गोवा में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में इसका इस्तेमाल किया गया। यही वजह है कि ईडी अब आम आदमी पार्टी को घोटाले की लाभार्थी बताते हुए आरोपित बनाने जा रही है।
हालांकि, आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार की ओर से लगातार इन आरोपों को खारिज किया गया है। पार्टी का दावा है कि झूठे केस में उसके नेताओं को फंसाया जा रहा है और भाजपा उनके दल को खत्म करने की साजिश रच रही है।