नई दिल्ली, 3 जुलाई। महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में जीका वायरस के मामले पाए जाने के बाद केंद्र ने बुधवार को सभी राज्यों को एक परामर्श जारी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को परामर्श जारी कर देशभर में हालात पर कड़ी निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया। राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे गर्भवती महिलाओं की जीका वायरस जांच पर ध्यान केंद्रित करें तथा संक्रमित पाई जाने वाली महिलाओं के भ्रूण के विकास की निगरानी करें।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल की ओर से जारी परामर्श के अलावा, मंत्रालय ने स्वास्थ्य सुविधाओं से एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति का भी निर्देश दिया, जो एडीज मच्छरों से होने वाले संक्रमण की निगरानी करते हुए काररवाई करेगा। जीका वायरस संक्रमण एडिज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर से डेंगू और चिकनगुनिया भी होता है। 2024 में दो जुलाई तक पुणे में जीका के छह और कोल्हापुर व संगमनेर में एक-एक मामला सामने आ चुका है।
जीका वायरस के ये हैं लक्षण
जीका वायरस एक मच्छर-जनित वायरस है, जो मुख्य रूप से एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है, जो डेंगू और चिकनगुनिया के मच्छरों के समान होते हैं। यह वायरस पहली बार 1947 में युगांडा के जीका जंगल में पाया गया था और इसका नाम भी वहीं से पड़ा है। जीका वायरस का संक्रमण अक्सर हल्का होता है और इसके लक्षण बहुत कम हो सकते हैं। लेकिन जब दिखते हैं, तो वे आम तौर पर ऐसे होते हैं –
- बुखार : हल्का बुखार हो सकता है।
- दाने : त्वचा पर लाल रंग के दाने हो सकते हैं।
- जोड़ों में दर्द : खासकर हाथों और पैरों के छोटे जोड़ों में दर्द हो सकता है।
- मांसपेशियों में दर्द : सामान्य मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।
- सिरदर्द : हल्का से मध्यम सिरदर्द हो सकता है।
- आंखों में जलन : आंखों में लालिमा या जलन हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं पर दिखता है जीका वायरस का सबसे गंभीर प्रभाव
जीका वायरस का सबसे गंभीर प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर होता है। यदि गर्भवती महिला जीका वायरस से संक्रमित होती है तो यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे माइक्रोसेफली (बच्चे के सिर का आकार सामान्य से छोटा होना) और अन्य गंभीर मस्तिष्क संबंधी दोष हो सकते हैं। इसके अलावा, जीका वायरस गर्भाशय में होने वाले गर्भपात या मृतजन्म के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।
जीका वायरस का उपचार
- आराम : मरीज को पर्याप्त आराम करने की सलाह दी जाती है।
- हाइड्रेशन : शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए भरपूर पानी पीना चाहिए।
- दर्द निवारक : जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- चिकित्सकीय सलाह : किसी भी दवाई का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।
रोकथाम के उपाय
- मच्छरों से बचाव : मच्छरों के काटने से बचने के लिए मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाले क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें।
- खुले कपड़े : खुले और हल्के रंग के कपड़े पहनें, जो अधिकतर शरीर को ढकें।
- पानी जमा न होने दें : अपने आसपास पानी को जमा न होने दें, क्योंकि यही मच्छरों के पनपने की जगह होती है।
- समय पर स्वास्थ्य जांच : यदि आप जीका प्रभावित क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं, तो यात्रा से पहले और बाद में स्वास्थ्य जांच अवश्य कराएं।