लखनऊ, 20 फरवरी। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। सबसे पहले दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। होली के बाद 10 मार्च तक चलने वाले इस सत्र में मंगलवार, 22 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर रविवार को एक सर्वदलीय बैठक आहूत की। महाना ने बैठक को संबोधित करते हुए सभी दलों के नेताओं से सदन के सुचारु संचालन के लिए सहयोग करने का आग्रह किया। हालांकि स्पीकर को सभी दलों के नेताओं से सकारात्मक आश्वासन मिला, लेकिन विपक्ष उत्तर प्रदेश बजट सत्र के दौरान अधिक बैठक की मांग कर रहा है।
सतीश महाना ने कहा, ‘पार्टी के सभी नेताओं ने सदन चलाने में सकारात्मक सहयोग का आश्वासन दिया है। मेरा प्रयास सदन का सुचारु संचालन सुनिश्चित करना और बजट सत्र के दौरान अधिक बैठकें करना होगा।’
सीएम योगी बोले – सदन विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बहस के लिए मंच प्रदान करेगा
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह 2023 में राज्य विधानमंडल का पहला सत्र होगा और सदन विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बहस के लिए एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रगति और विकास के पथ पर है और यह सत्र 2023-24 के वार्षिक बजट पर बहस का गवाह बनेगा।
7 लाख करोड़ के बजट में आमचुनाव की तैयारियों की झलक भी देखने को मिलेगी
करीब सात लाख करोड़ रुपये के बजट में 2024 आमचुनाव की तैयारियों की झलक भी देखने को मिलेगी। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार सभी वर्गों युवा, महिलाएं, किसान के साथ आम ग्रामीण और उद्यमियों को आकर्षित करती हुई नजर आएगी। युवाओं से संबंधित प्रदेश सरकार की योजनाओं में अधिक धनराशि का आवंटन किए जाने की संभावनाएं हैं।
सदन के नियमों के बदलाव का गवाह बनेगा यह सत्र
यूपी का यह बजट सत्र कई मायने में ऐतिहासिक है। मसलन, यह सत्र सदन के नियमों के बदलाव का गवाह बनेगा। सत्र के दौरान यूपी विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य-संचालन नियमावली का संशोधित ड्राफ्ट चर्चा के लिए पेश होगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। इसी सत्र से विधानसभा में संसद की तर्ज पर सर्वश्रेष्ठ विधायक के चयन पर भी काम शुरू होगा।
सत्र के 14 दिन यूपी सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी साबित होंगे
इस सत्र की एक खास बात यह भी होगी कि 14 दिन बैठकें होंगी और ये 14 दिन योगी सरकार के लिए परीक्षा की घड़ी साबित होंगे। इसकी वजह है, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद राज्य में योगी सरकार में हुए घोटाला का सामने आना। बीते एक हफ्ते में योगी सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी पर लगा घूस लेने के मामले का खुलासा हुआ है। इसके अलावा योगी सरकार में आर्म्स एक्ट के सजायाफ़्ता मंत्री राकेश सचान को 72 औद्योगिक प्लॉट आवंटित होने का प्रकरण और एससी-एसटी तथा दिव्यांगों की स्कॉलरशिप में हुए फ्राड का मामला भी उजागर हुआ है।
बुलडोजर से न्याय दिलाने की अवधारणा के चलते कानपुर में एक गरीब ब्राह्मण परिवार की मां-बेटी की हुई दर्दनाक मौत भी बीते एक हफ्ते में हुई है और बीते हफ्ते ही योगी सरकार ने गन्ना मूल्य में इजाफा ना करने का फैसला भी लिया है। ये सब वह मामले हैं, जिनका सदन में जवाब देना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए मुश्किल होगा। इन सवालों का सीधा जवाब पाने के लिए विपक्षी दल योगी सरकार को सदन में घेरेंगे। तब विपक्ष के सवालों का जवाब देना योगी सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
योगी सरकार युवाओं को खुश करने की कोशिश करेगी
अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करने की जिस योजना रचना पर केंद्र व प्रदेश सरकार काम कर रही है, उसे इस बजट के माध्यम से साधने की कोशिश की जाएगी। इसी क्रम में योगी सरकार युवाओं को खुश करने की कोशिश करेगी। इसके लिए युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने की योजनाओं को शुरू किया जा सकता है। युवाओं से जुड़ी योजनाओं के बाद सरकार का फोकस राज्य में उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने पर होगा।
बजट में पीडब्ल्यूडी, औद्योगिक विकास, नगर विकास, ऊर्जा, जल शक्ति जैसे विभागों को विकास मद में अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की चर्चाएं हैं। इस बजट के माध्यम से सरकार गांव, गरीब, किसान व महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर आवंटन भी बढ़ाएगी। केंद्रीय बजट की तरह उन योजनाओं पर अधिक ध्यान दिए जाने की सूचनाएं हैं, जिससे बड़ा वर्ग लाभान्वित होता है। बजट में ग्रामीण सड़कें, एक्सप्रेस-वे परियोजनाएं, सिंचाई, ओडीओपी के लिए अधिक धनराशि मिलने की उम्मीद है।
सदन में रखा जाएगा संशोधन का ड्राफ्ट
यूपी विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमावली में संशोधन का ड्राफ्ट तैयार हो गया है। ड्राफ्ट को 28 फरवरी को सदन में रखे जाने की संभावना है। सदन में ड्राफ्ट पर चर्चा होगी और जो महत्वपूर्ण सुझाव आएंगे, उन्हें जोड़ते हुए नियमावली को मंजूरी दी जाएगी। विधानसभा सचिवालय इसकी अधिसूचना जारी करेगा। इसी के साथ विधानसभा के कई पुराने नियम खत्म हो जाएंगे और कई नए नियम लागू हो जाएंग. यूपी की विधानसभा में ई-विधान लागू होने के बाद से छह दशक से अधिक पुरानी प्रक्रिया और कार्य संचालन की नियमावली को बदले जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी।
सूत्रों के मुताबिक संशोधित नियमावली की भाषा भी पहले से काफी सरल की जा रही है, ताकि नए विधायकों को नियम समझने में दिक्कत न हो। विधानसभा प्रश्नोत्तरी के नियमों में भी बदलाव किया गया है। नई नियमावली लागू होने के बाद पूर्वाह्न साढ़े दस बजे तक उस दिन के एजेंडे के सभी प्रश्नों के उत्तर विधायकों के टैबलेट पर मौजूद होंगे।