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यूपी : योगी सरकार ने 1978 के संभल दंगों पर मांगी रिपोर्ट, एक सप्ताह का दिया समय

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संभल, 9 जनवरी। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली भाजपा सरकार ने संभल में करीब 46 वर्ष पहले 1978 में हुए दंगों पर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि संभल में 29 मार्च, 1978 को भड़के दंगे ने भयावह रूप ले लिया था। इसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। दंगों को लेकर 169 मामले दर्ज किए गए थे। हालात इतने गंभीर थे कि शहर में दो माह के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था।

संभल दंगे में आधिकारिक तौर पर 24 लोगों की मौत बताई गई थी

आधिकारिक तौर पर उस दंगे में 24 लोगों की मौत बताई गई थी। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले माह कहा था कि संभल में 1978 के दंगों के दौरान 184 लोगों को सामूहिक रूप से जिंदा जला दिया गया था और कई लोग बेघर हो गए थे।

दंगे के दौरान मुरादाबाद का हिस्सा था संभल शहर

अब चूंकि सरकार ने ताजा रिपोर्ट मांग ली है, लिहाजा अटकलें लगाई जा रही हैं कि 1978 के दंगों की जांच फिर से हो सकती है। हालांकि संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा कि तब मुरादाबाद का हिस्सा रहे संभल शहर में 1978 में हुए दंगों पर राज्य सरकार ने एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य श्रीचंद्र शर्मा के पत्र के बाद गृह विभाग के दंगों पर आख्या मांगी है।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि संभल पुलिस को गृह मामलों के उप सचिव और पुलिस अधीक्षक (मानवाधिकार) से इस बारे में एक पत्र मिला है। इसके बाद एसपी संभल ने एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र को नामित करते हुए मंगलवार को जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया को भी पत्र लिखकर अधिकारी को नामित करने के लिए कहा था ताकि संयुक्त रिपोर्ट बनाकर भेजी जा सके।

उन्होंने बताया कि इससे पहले गृह विभाग के एक पत्र में सुरेश चंद्र शर्मा द्वारा नियम 115 के तहत जारी नोटिस के जवाब में एक सप्ताह के भीतर काररवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा बुधवार को मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह ने भी संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया से इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड सौंपने को कहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि मामले की गहन जांच और समीक्षा हो सकती है। एक सप्ताह में रिपोर्ट देने की तैयारी हो चुकी है।

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