लखनऊ, 10 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐसी संतानों के लिए खासतौर पर नया कानून बनाने जा रही है, जिसके तहत अपने बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल न रखने वाली संतानों को पैतृतक संपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है।
प्रस्तावित कानून के तहत एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्यूनल को अधिकार होगा कि यदि उसे लगे कि संतान अपनी माता-पिता का ख्याल नहीं रख रही तो उसे प्रॉपर्टी से बेदखल कर दे। मंगलवार शाम सीएम योगी द्वारा आहूत कैबिनेट बैठक में वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण नियमावली-2014 को संशोधित करने का प्रस्ताव पारित हो सकता है।
एसडीएम पर होगी नियम को लागू करने की जिम्मेदारी
प्राप्त जानकारी के अनुसार नए संशोधन प्रस्ताव में एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्यूनल को ये अधिकार होगा कि वो माता-पिता का ध्यान न रखने वाली संतानों को प्रॉपर्टी से बेदखल कर दे। इस नियम को लागू करने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की होगी।
शिकायत सही पाई गई तो माता-पिता की प्रॉपर्टी से 30 दिनों के अंदर संतानों की बेदखली
नए प्रस्ताव के मुताबिक एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्यूनल द्वारा लिए गए फैसलों के खिलाफ डीएम की अध्यक्षता में गठित अभिकरण में अपील करने का प्रावधान भी होगा। शिकायत सही पाए जाने पर 30 दिन के अंदर ऐसी संतानों को माता-पिता की प्रॉपर्टी से बेदखल कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि सातवें विधि आयोग ने वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 को लक्ष्यों को पूरा करने में अक्षम बताया था। इसके बाद नियमावली 22 (क), 22 (ख) और 22 (ग) में बढ़ोत्तरी की सिफारिश की गई थी।