लखनऊ, 27 दिसम्बर। योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रही है। मंगलवार देर शाम अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि आयोग बनाकर ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा, उसके बाद ही निकाय चुनाव कराया जाएगा।
इसके पूर्व दिन में हाई कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण तत्काल चुनाव कराने का आदेश दिया था। माना जा रहा है कि आयोग बनाने और ओबीसी को आरक्षण में समय लगने के कारण ही सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद मंगलवार शाम को इस मुद्दे पर बैठक बुलाकर मंथन किया। इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय, गृह विभाग, नगर विकास विभाग व न्याय विभाग के अधिकारी शामिल थे। महाधिवक्ता को भी बुलाकर उनसे राय ली गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय पर सहमति बनी। साथ ही आयोग के गठन को लेकर भी चर्चा हुई। यह काम समाज कल्याण विभाग को करना है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने बयान जारी कर कहा था कि राज्य सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके उपरांत ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। यदि जरूरी हुआ तो राज्य सरकार हाई कोर्ट फैसले के क्रम में तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार करके सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।
मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद निकाय चुनाव में सीटों और वार्डों के आरक्षण के बारे में विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। राज्य सरकार हाई कोर्ट के फैसले के सभी पहलुओं का अध्ययन करा रही है, जिससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण का पूरा लाभ दिया जा सके।