लखनऊ, 29 दिसम्बर। उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। गुरुवार को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की।
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी के आरक्षण के लिए गठित आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही चुनाव की मंजूरी देने का आग्रह किया है। एसएलपी में कहा गया है कि आयोग का गठन कर दिया गया है। आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद चुनाव कराया जाएगा। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के लिए दो जनवरी की तारीख तय कर दी है। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण ही निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है।
ओबीसी आरक्षण के लिए 5 सदस्यीय आयोग गठित कर चुकी है राज्य सरकार
गौरतलब है कि बुधवार को योगी सरकार ने ओबीसी आरक्षण देने के लिए पांच सदस्यीय आयोग का गठन कर दिया था। आयोग में अध्यक्ष के साथ चार सदस्यों को नामित किया गया है। सेवानिवृत्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह को अध्यक्ष बनाया गया है। आयोग में दो पूर्व आईएएस और दो न्यायिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को सदस्य बनाया गया है। सीएम योगी ने मंगलवार को हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद ही आयोग का गठन करने और ओबीसी को आरक्षण देने के बाद ही चुनाव कराने की घोषणा की थी।