लखनऊ, 13 मार्च। यूपी की योगी सरकार ने निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट को अब इस पर सुनवाई करनी है। वहां से अनुमति मिलने के बाद मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि यूपी में निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट 31 मार्च तक तैयार करने का मौका दिया था। आयोग ने इसके पहले ही अपना काम पूरा करते हुए रिपोर्ट के साथ सिफारिशें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी थी।
आयोग की इस रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है। नगर विकास विभाग के एक अधिकारी के अनुसार इसमें सुनवाई के लिए तारीख देने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा जाएगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने व चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।
मई तक निकाय चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने की तैयारी
सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आयोग की सिफारिश के आधार पर मेयर व अध्यक्ष सीटों के लिए निर्धारित प्रक्रिया में आंशिक संशोधन किया जाएगा, जिससे कोटे के मुताबिक 27 फीसदी तक आरक्षण का लाभ उन्हें दिया जा सके। सूत्रों का कहना है कि यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना अप्रैल में जारी करते हुए मई में इसे पूरा कराने की तैयारी है।