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योगी सरकार का फैसला – अयोध्या के पांच कोसी परिक्रमा मार्ग में नहीं बिकेगी शराब

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अयोध्या, 28 दिसम्बर। नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में अगले वर्ष 22 जनवरी को प्रस्तावित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पहले योगी सरकार के तमाम विभाग अयोध्या को सजाने संवारने में जुटे हैं। इसी क्रम में सूबे के आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने अयोध्या के पांच कोसी परिक्रमा मार्ग पर शराब की बिक्री को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है।

परिक्रमा मार्ग पर स्थित शराब की दुकानों को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्देश

नितिन अग्रवाल ने इस फैसले के तहत विभागीय अधिकारियों को पांच कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित शराब की दुकानों को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्देश दिया। उनके आदेश पर अयोध्या के आबकारी अधिकारी अमल करने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि अगले दस दिनों के भीतर पांच कोसी परिक्रमा मार्ग पर खुली शराब की दुकानों को हटा लिया जाएगा।

अपने फैसले की बाबत नितिन अग्रवाल का कहना है कि साधु संतों और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या के पांच कोसी परिक्रमा मार्ग पर शराब की बिक्री को प्रतिबंधित करने की मांग की थी।

नितिन अग्रवाल ने कहा कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठाट समरोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश-दुनिया की गणमान्य हस्तियां उपस्थित रहेंगी। उस दिन अयोध्या में ‘मिनी इंडिया’ दिखाई पड़ेगा। यानी उद्घाटन कार्यक्रम में देश के हर जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र और वैचारिक धाराओं से जुड़े लोग शामिल होंगे। इसका संज्ञान लेते हुए ही अयोध्या के पांच कोसी परिक्रमा मार्ग पर शराब की बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का फैसला किया गया है।

अयोध्या में तमिल-तेलुगु में भी लगाई जाएंगी निर्देश पट्टिका

इसके साथ ही अयोध्या शहर और वहां के मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए मार्गों पर तमिल, तेलुगु में निर्देश पट्टिका लगाई जाएंगी। देश के विभिन्न भागों से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए अलग-अलग भाषाओं में पट्टिका लगाने का फैसला किया गया है।

दक्षिण की तमिल, तेलुगु जैसी बडे पैमाने पर बोली जाने वाली भाषाओं में भी पट्टिकाएं होंगी। दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। ये लोग सरयू नदी में स्नान कर वहां का जल भी अपने साथ ले जाते हैं।

अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश द्विवेदी बताते हैं कि इन दिनों काशी में चल रहे तमिल संगमम् में तमिलनाडु के विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन कराने आए थे। पिछले वर्ष भी दो हजार से अधिक तमिल श्रद्धालुओं को अयोध्या दर्शन कराया गया था।

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