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उत्तर प्रदेश : योगी कैबिनेट ने स्थानांतरण नीति को दी मंजूरी, बैठक में 41 प्रस्तावों पर लगी मुहर

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लखनऊ, 11 जून। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुआई वाली भाजपा सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए नई स्थानांतरण नीति को मंजूरी दे दी है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) व कांग्रेस गठबंधन के हाथों राज्य में करारा झटका लगने के बाद मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई पहली कैबिनेट बैठक में स्थानांतरण नीति सहित कुल 42 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें 41 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

कैबिनेट बैठक में पारित प्रस्तावों के विषय में जानकारी देते हुए वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट से पारित स्थानांतरण नीति के बारे में विस्तार से बताया। इस नीति में पिछले वर्ष की नीति के प्रावधानों का अनुसरण किया गया है। उन्होंने बताया कि समूह ग और घ में स्थानांतरण पूरी तरह मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से पूर्ण किए जाएंगे।

सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं

स्थानांतरण नीति के तहत समूह क और ख के उन अधिकारियों का स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिन्होंने जनपद में तीन वर्ष और मंडल में सात वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। वहीं समूह ग और घ में सबसे पुराने अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाएगा।

स्थानांतरण नीति में समूह क और ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए अधिकतम 20 प्रतिशत तो वहीं समूह ग और घ के लिए अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। इस स्थानांतरण नीति के तहत सभी स्थानांतरण आगामी 30 जून तक किए जाने हैं। इसके बाद किए जाने वाले स्थानांतरण मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद ही किए जाएंगे।

जल शक्ति विभाग के 26 प्रस्तावों को भी दी गई मंजूरी

सुरेश खन्ना ने बताया कि जल शक्ति विभाग के 26 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने अपनी सहमति जताई। ये 26 परियोजनाएं सूबे के बुंदेलखंड क्षेत्र की हैं। वहीं महाकुंभ 2025 की तैयारियों के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।

अन्य प्रमुख प्रस्ताव, जिन्हें स्वीकृति प्रदान की गई –

सीएम की लगातार दूसरी बैठक से अनुपस्थित रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य

फिलहाल चुनाव बाद की पहली कैबिनेट बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शामिल नहीं हुए। इसके पहले वह चुनाव में हुई हार के कारणों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई मंत्रियों की बैठक में भी नहीं आए थे। सीएम की बैठक में उनके गैरहाजिर रहने को लेकर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि केशव मौर्य किन्हीं वजहों से नाराज हैं। उन्होंने मीडिया से दूरी बना रखी है। इस कारण कैबिनेट बैठक में उनकी अनुपस्थिति को लेकर कोई कुछ बोल नहीं रहा है।