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डब्ल्यूटीए ने चीन में टेनिस स्पर्धाओं के आयोजन पर लगाई रोक, ड्रैगन ने जताया विरोध

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बीजिंग, 2 दिसंबर। दुनियाभर में महिला टेनिस संचालन के सर्वोच्च संगठन महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) ने  पूर्व ग्रैंड स्लैम युगल चैम्पियन पेंग शुआइ की कुशलक्षेम को लेकर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण चीन और हांगकांग में टेनिस स्पर्धाओं के आयोजन पर रोक लगा दी है।

शुआइ ने अक्टूबर माह में देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और उसके बात से ही वह लापता बताई जा रही हैं। उनके लापता होने को लेकर चिंताओं के बीच ही डब्ल्यूटीए अध्यक्ष और सीईओ स्टीव सिमोन ने चीन व हांगकांग में किसी टेनिस आयोजन पर रोक लगाने की घोषणा की है।

डब्ल्यूटीए ने आरोप लगाया कि शुआइ को खुलकर बात करने की अनुमति नहीं दी जा रही और उस पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह अपने आरोप वापस ले।

चीन ने कहा – खेलों का राजनीतिकरण करने वाले हर कदम के हम खिलाफ

हालांकि ड्रैगन ने डब्ल्यूटीए के फैसले की निंदा करते हुए गुरुवार को कहा कि खेलों का राजनीतिकरण करने वाली सभी काररवाई के वह खिलाफ है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘हम अपना पक्ष पहले ही रख चुके हैं। खेलों का राजनीतिकरण करने वाले हर कदम के हम खिलाफ हैं।’

डब्ल्यूटीए का एकतरफा फैसला काल्पनिक सूचनाओं के आधार पर : चीनी टेनिस संघ

चीनी टेनिस संघ ने भी डब्ल्यूटीए के फैसले को एकतरफा बताकर उसका विरोध किया है। उसने कहा, ‘खिलाड़ियों की रक्षा के नाम पर डब्ल्यूटीए का यह एकतरफा फैसला काल्पनिक सूचनाओं के आधार पर लिया गया है। यह उस खिलाड़ी के भले के लिए भी नहीं है और महिला टेनिस खिलाड़ियों को इससे खेलने के उचित और समान मौके भी नहीं मिल सकेंगे।’

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