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WFI विवाद : निराश पहलवान विनेश फोगाट ने भी लौटाए अर्जुन, खेल रत्न पुरस्कार, कर्तव्य पथ पर रखे अवॉर्ड

WFI विवाद : निराश पहलवान विनेश फोगाट ने भी लौटाए अर्जुन, खेल रत्न पुरस्कार, कर्तव्य पथ पर रखे अवॉर्ड

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नई दिल्ली, 30 दिसम्बर। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) चुनाव के बाद निर्वाचित निकाय को निलंबित किए जाने के बावजूद केंद्र सरकार के उपेक्षात्मक रवैये से निराश विश्व चैम्पियनशिप में दो बार की कांस्य पदक विजेता विनेश फोगाट ने शनिवार को अपने ‘खेल रत्न’ और ‘अर्जुन’ पुरस्कार लौटा दिए और दिल्ली पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय जाने से रोके जाने के बाद दोनों पुरस्कार कर्तव्य पथ के बीच में छोड़ दिए।

एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश ने मंगलवार को अपने दोनों पुरस्कार सरकार को लौटाने का फैसला किया था और कहा था कि ऐसे समय में इस तरह के सम्मान बेमतलब हो गए हैं, जब पहलवान न्याय पाने के लिए जूझ रहे हैं। विनेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए अपने पत्र में कहा था कि उनका जीवन सरकार के विज्ञापनों जैसा नहीं है, जो महिला सशक्तिकरण और उत्थान के बारे में बात करते हैं।

सड़क पर पड़े विनेश के पुरस्कारों को दिल्ली पुलिस ले गई

राष्ट्रकुल खेलों में तीन बार की स्वर्ण विजेता और एशियाई चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण और एक कांस्य जीत चुकीं 29 वर्षीया विनेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने शनिवार को अपने पुरस्कार लौटाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। विरोधस्वरूप विनेश ने कर्तव्य पथ पर पुरस्कार छोड़ दिए और बाद में दिल्ली पुलिस इन्हें उठा ले गई।

उल्लेखनीय है कि विनेश ने ओलम्पिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के साथ मिलकर WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के चुनाव का विरोध किया था। इन तीनों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

साक्षी के संन्यास लेने के बाद बजरंग भी पद्मश्री‘ लौटा चुके हैं

संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई प्रमुख की नियुक्ति के तुरंत बाद साक्षी ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी थी जबकि बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री अलंकरण पीएम आवास के बाहर सड़क पर छोड़ दिया था। उन्होंने भी पीएम कार्यालय जाने की असफल कोशिश की थी।

कुश्ती के संचालन के लिए तदर्थ समिति गठित कर चुका है आईओए

खेल मंत्रालय ने हालांकि संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित निकाय को निलंबित कर दिया था जबकि भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) से खेल संस्था का कामकाज देखने के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था। खेल मंत्रालय के निर्देश पर काररवाई करते हुए आईओए ने गत 27 दिसम्बर को भारतीय वुशु संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा एक तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन भी कर दिया है।

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