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पेरिस ओलम्पिक : पहलवान रीतिका हुड्डा 76 किग्रा कुश्ती के क्वार्टर फाइनल में हारीं, पदक की उम्मीद बरकरार

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पेरिस, 10 अगस्त। भारत की महिला पहलवान रीतिका हुड्डा पेरिस ओलम्पिक खेलों के समापन से एक दिन पहले शनिवार को फ्रीस्टाइल 76 किग्रा कुश्ती के क्वार्टर फाइनल में विश्व नंबर एक किर्गिस्तान की एपेरी मेडेट काइजी से कड़े संघर्ष में परास्त हो गईं। दरअसल, यह बाउट जबर्दस्त कश्मकश के बीच 1-1 से बराबर रही, लेकिन काउंटबैक टाई ब्रेक मानदंड के कारण काइजी ने जीत हासिल कर सेमीफाइनल मे जगह बना ली।

रीतिका ने अंतिम 16 में हंगेरियाई मल्ल को दी थी पटखनी

चैंप-डी-मार्स एरिना में 22 वर्षीया रीतिका ने दिन की शुरुआत शानदार अंदाज में की थी और मैट बी पर प्री क्वार्टर फाइनल में दो बार की यूरोपीय कांस्य पदक विजेता हंगेरियाई बर्नडेट नैगी को 12-2 से शिकस्त देने के साथ क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।

कुछ देर बाद क्वार्टर फाइनल बाउट में भी रीतिका ने विश्व रजत पदक विजेता और दो बार की एशियाई चैम्पियन एपेरी काइजी को न सिर्फ कड़ी टक्कर दी वरन शुरुआती अंत भी जुटा लिया। लेकिन काइजी ने भी मैट पर पकड़ ढीली नहीं की और एक अंक बटोरने के साथ मुकाबला 1-1 की बराबरी पर समाप्त किया। अंततः उन्होंने पैसिविटी नियम के सहारे जीत हासिल कर ली।

पैसिविटी नियम के चलते रीतिका को हार का सामना करना पड़ा

दरअसल, फ्रीस्टाइल कुश्ती में पैसिविटी का उपयोग मैच को आक्रामक करने के लिए भी किया जाता है। ऐसा तब होता है, जब किसी भी पहलवान ने पहले दो मिनट के भीतर एक भी अंक हासिल न किया हो। ऐसे मामले में जो पहलवान कम आक्रामक रहता है, उसे 30 सेकेंड के अंडर एक अंक लेना रहता है। यदि 30 सेकेंड के भीतर वह मल्ल अंक नहीं लाता है तो विपक्षी टीम को एक अंक मिल जाता है।

पहले राउंड में पैसिविटी के जरिए रीतिका हुड्डा ने एक अंक लिया। लेकिन दूसरे राउंड में एपेरी काइजी ने पैसिविटी के जरिए एक अंक लिए। कुश्ती के नियमों के अनुसार जो रेसलर अंतिम तकनीकी अंक हासिल करता है, उसी जीत मिलती है। चूंकि आखिरी अंक काइजी ने बटोरा था, लिहाजा उन्हें जीत मिली।

काइजी फाइनल में पहुंचीं, तभी रीतिका कांस्य पदक मैच की अर्हता पाएंगी

खैर, रीतिका क्वार्टर फाइनल मैच हारने के बाद भी कांस्य पदक मैच खेल सकती हैं। लेकिन यह तभी संभव है कि मेडेट काइजी फाइनल में पहुंच जाएं। यदि काइजी फाइनल में पहुंचीं तो रीतिका रेपचेज के चलते कांस्य पदक मैच के लिए क्वालीफाई कर जाएंगी।

कुश्ती में इस बार सिर्फ अमन सहरावत ही जीत सके हैं पदक

उल्लेखनीय है कि पेरिस 2024 के कुश्ती में भारत ने छह पहलवान उतारे थे, लेकिन उनमें सिर्फ एकमात्र कांस्य पदक 57 किग्रा वर्ग में अमन सहरावत के हाथ लगा है। उन्होंने शुक्रवार को प्यूर्टोरिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराया था।

विनेश फोगाट फाइनल के पहले अयोग्य घोषित कर दी गई थीं

उधर विनेश फोगाट महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती के फाइनल में पहुंच गई थीं। लेकिन फाइनल वाले दिन 100 ग्राम ओवरवेट होने की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। हालांकि इसके खिलाफ विनेश ने खेल पंचाट न्यायलय से अपील कर रखी है, जिसका फैसला भारतीय समयानुसार आज ही रात आना है।

 

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