नई दिल्ली, 12 जनवरी। बंगाल की खाड़ी में दुर्घटनाग्रस्त भारतीय वायुसेना के एक परिवहन विमान का मलबा लगभग साढ़े सात वर्षों बाद करीब 3.4 किलोमीटर की गहराई पर मिला है। क्रैश होने के बाद जब यह विमान लापता हुआ था, तब उसमें 29 कर्मी सवार थे।
एयूवी द्वारा ली गई तस्वीरों से विमान के मलबे का पता चला
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान के ऑटोनॉमस अंडरवाटर ह्वीकल (एयूवी) द्वारा ली गई तस्वीरों की जांच से पता चला है कि चेन्नई तट से 310 किमी दूर समुद्र में मिला मलबा एएन-32 विमान का है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘तस्वीरों की पड़ताल की गई, जो एएन-32 विमान के अनुरूप पाई गईं। संभावित दुर्घटना स्थल पर यह खोज, इस क्षेत्र में किसी अन्य विमान के लापता होने की कोई खबर न होने से, संभवतः भारतीय वायुसेना के दुर्घटनाग्रस्त एन-32 विमान का मलबा होने की ओर इशारा करती है।’
22 जुलाई, 2016 को एक अभियान के दौरान लापता हुआ था विमान
पंजीकरण संख्या के-2743 वाला भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान 22 जुलाई, 2016 को एक अभियान के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था। विमान में 29 कर्मी सवार थे। इस विमान की खोज में बड़ा अभियान चलाया गया था, जिसमें कई विमान और जहाज लगाए गए थे, लेकिन न तो लापता विमान के मलबे का पता चला और न ही विमान में सवार कर्मियों का पता चल पाया।
राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसने लापता हुए एएन-32 विमान के अंतिम ज्ञात स्थान पर गहरे समुद्र में हाल ही में अन्वेषण क्षमता वाला एक एयूवी तैनात किया था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, “यह खोज मल्टी-बीम सोनार (साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग), सिंथेटिक अपर्चर सोनार और हाई-रिज़ॉल्यूशन फोटोग्राफी सहित कई उपकरणों का उपयोग कर 3,400 मीटर की गहराई पर की गई। खोज संबंधी तस्वीरों के विश्लेषण से चेन्नई तट से लगभग 140 समुद्री मील (310 किमी) दूर समुद्र तल पर एक दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे की मौजूदगी का संकेत मिला है।”