नई दिल्ली, 9 दिसंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि सभी देशों की सरकारों को कोविड रोकथाम उपायों का आकलन करना चाहिए। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने दुनियाभर के देशों से नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निबटने के लिए टीकाकरण में तेजी लाने की अपील की। हालांकि संगठन के अनुसार यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि मौजूदा टीके नए वैरिएंट पर कितने प्रभावी होंगे।
ज्यादा लोगों के संक्रमित होने से पहले अभी इस पर नियंत्रण का सही समय : ट्रेडोस
डब्ल्यूएचओ महासचिव टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसिस ने कहा कि इस वैरिएंट के वैश्विक प्रसार से पता चलता है कि कोविड महामारी के फैलाव पर इसका गहरा असर पड़ सकता है और ज्यादा लोगों के संक्रमित होने से पहले अभी इस पर नियंत्रण का सही समय है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी देशों को निगरानी, परीक्षण और सिक्वेंसिंग बढानी होगी।
गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ ओमिक्रॉन को पहले ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल चुका है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार शुरुआती डेटा बताते हैं कि कोविड का ओमिक्रॉन वैरिएंट उन लोगों को फिर से आसानी से शिकार बना सकता है, जो इस वायरस से पहले संक्रमित हो चुके हैं। हालांकि, डेल्टा की तुलना में ये बीमारी हल्की रहेगी.
किसी भी तरह की लापरवाही से जान भी जा सकती है
ट्रेडोस ने कहा, ‘किसी भी अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले हमें ज्यादा डेटा की जरूरत होगी। हमने सभी देशों से आग्रह किया है कि वो इस पर अपनी नजर बनाए रखें ताकि ओमिक्रॉन के व्यवहार को स्पष्ट तरीके समझने में मदद मिल सके।’ उन्होंने कहा कि भले इसकी गंभीरता कम हो, लेकिन इसे लेकर बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही से जान भी जा सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपात निदेशक माइक रेयान ने कहा कि इस वायरस से अधिक संक्रामक होने के कारण इसका फैलाव रोकने के लिए दोगुने प्रयास करने होंगे।
नया वैरिएंट पहले के संक्रमण जैसा घातक नहीं, लेकिन इसका प्रसार अधिक
अमेरिका के शीर्ष वैज्ञानिक एंथनी फॉसी ने कहा कि शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि ओमिकॉन वैरिएंट पहले के कोविड संक्रमण जितना घातक नहीं है, लेकिन इसका प्रसार अधिक है।