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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंततः भारत निर्मित कोविडरोधी टीका ‘कोवैक्सीन’ को दी मंजूरी

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नई दिल्ली, 3 नवंबर। वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ दुनियाभर में जारी लड़ाई के बीच भारत निर्मित कोविडरोधी टीके को वैश्विक स्तर पर बड़ी जीत मिली, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के तकनीकी सलाहकार समूह ने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की है। सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकनीकी समूह की ओर से यह सिफारिश सिर्फ 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए की गई है।

सिर्फ 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए की गई सिफारिश

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया सहित लगभग डेढ़ दर्जन देश कल तक कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे चुके थे, लेकिन डब्ल्यूएचओ की ओर से अब तक इसे मंजूरी नहीं प्रदान की गई थी। हालांकि यह मामला लंबे समय से लंबित था। सूत्रों ने बताया कि सिर्फ 18 से ऊपर के बच्चों के लिए स्वीकृति को आवेदन किया गया था। बच्चों के लिए आवेदन नहीं किया गया था।

कोवैक्सीन को मंजूरी देने में देरी पर डब्ल्यूएचओ ने पिछले माह दी थी सफाई

हालांकि डब्ल्यूएचओ की ओर से कोवैक्सीन को मंजूरी दिए जाने में हो रही देरी को लेकर वैश्विक संस्था ने पिछले माह सफाई दी थी। डब्ल्यूएचओ का कहना था कि उसे भारत बायोटेक से कोवैक्सीन को लेकर और जानकारी की जरूरत है, ताकि वैक्सीन को आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने से पहले उसका अच्छी तरह मूल्यांकन किया जा सके। ज्ञातव्य है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने इस वर्ष 19 अप्रैल को ही कोवैक्सीन से जुड़ा डेटा डब्ल्यूएचओ को सौंप दिया था।

पीएम मोदी ने भी जी-20 समिट में डब्ल्यूएचओ के सामने भारत का पक्ष रखा था

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी पिछले हफ्ते रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कहा था कि भारत 2022 तक कोविड वैक्सीन की 500 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन करेगा। उन्‍होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर कोवैक्सीन की मंजूरी के लिए अपना पक्ष रखा था।

कोवैक्सीन के जुड़ने से अत्यंत कारगर चिकित्सा साधनों में वृद्धि हुई : डब्ल्यूएचओ 

डब्ल्यूएचओ ने एक  ट्वीट में कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए उसने अनुमोदित कई वैक्सीन की सूची में कोवैक्सीन को शामिल किया है। संगठन ने कहा है कि कोविड-19 को जड़ से खत्‍म करने के लिए कोवैक्सीन को शामिल करने से अत्यंत कारगर चिकित्सा साधनों में वृद्धि हुई है।

इसी क्रम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड वैक्सीन के आयात और इन्हें लगाने की अपनी नियामक अनुमति में तेजी लाने की संबंधित देशों को मंजूरी दे दी है। संगठन ने कहा है कि इसका उद्देश्य तेजी से दवाएं और वैक्सीन का उत्पादन और नैदानिक उपलब्धता करना है। ऐसा करते हुए सुरक्षा, प्रभावशीलता और गुणवत्ता के कड़े मानकों का पालन करना जरूरी होगा।

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने ट्वीट करके आपात उपयोग की सूची में कोवैक्सीन को शामिल किए जाने पर भारत को बधाई दी है।

कोवैक्सीन के उपयोग की अवधि बढ़ाकर 12 महीने करने की मंजूरी

दिलचस्प तो यह है कि भारत बायोटेक ने बुधवार को दिन में ही जानकारी दी थी कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने कोविड-19 टीके कोवैक्सीन की उपयोग अवधि (शेल्फ लाइफ) को निर्माण की तारीख से 12 महीने तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है।

कम्पनी ने एक ट्वीट में कहा था, ‘सीडीएससीओ ने निर्माण की तारीख से 12 महीने तक कोवैक्सीन की उपयोग अवधि के विस्तार को मंजूरी दे दी है। उपयोग अवधि विस्तार की यह मंजूरी अतिरिक्त स्थायी आंकड़े की उपलब्धता पर आधारित है, जिसे सीडीएससीओ को प्रस्तुत किया गया था।’