Site icon hindi.revoi.in

बड़ी उपलब्धि : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को ट्रेकोमा मुक्त घोषित किया

Social Share

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर। सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उसे संक्रामक बैक्टीरियल संक्रमण ट्रेकोमा से मुक्त घोषित कर दिया है। इसे अंधेपन के मुख्य कारणों में से एक माना जाता है। यह उपलब्धि देशभर में लाखों लोगों की दृष्टि बचाने के लिए दशकों से किए गए प्रयासों का नतीजा है।

इस सफलता के साथ भारत अब उन 20 देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है। हालांकि, यह बीमारी अब भी 39 देशों में चुनौती बनी हुई है, जहां लगभग 19 लाख लोग इससे प्रभावित हैं। ट्रेकोमा मुक्त बनने की भारत की यात्रा टीमवर्क और लगातार प्रयासों को उजागर करती है।

क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस बैक्टीरिया के कारण होने वाला ट्रेकोमा विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित करने वाली एक गंभीर समस्या रही है। वैश्विक स्तर पर करीब इसने 15 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है, जिनमें से करीब 60 लाख लोग गंभीर दृष्टि हानि के जोखिम में हैं। यह बीमारी नजदीकी संपर्क, साझा की गई व्यक्तिगत वस्तुओं, और गंदगी व भीड़-भाड़ जैसे पर्यावरणीय कारकों से फैलती है।

20वीं सदी के मध्य में भारत में ट्रेकोमा संकट चरम पर था, जहां गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में संक्रमण दर 50% से भी अधिक थी। स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भारत सरकार ने 1963 में राष्ट्रीय ट्रेकोमा नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम ने WHO की SAFE रणनीति को अपनाया, जिसमें सर्जरी, एंटीबायोटिक्स, चेहरे की सफाई, और पर्यावरण सुधार शामिल थे।

वर्षों के प्रयासों के बाद, 2018 तक ट्रेकोमा की दर मात्र 0.008% तक गिर गई। 2014 से 2017 के बीच किए गए राष्ट्रीय ट्रेकोमा सर्वेक्षण ने पुष्टि की कि सर्वेक्षण किए गए जिलों में बच्चों में सक्रिय संक्रमण पूरी तरह समाप्त हो चुका था।

सरकार ने ट्रेकोमा के उन्मूलन के बाद भी अपने प्रयास जारी रखे। 2019 से 2024 तक, ट्रेकोमा के दोबारा फैलने से रोकने के लिए सतर्क निगरानी प्रणाली लागू की गई। WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने भारत के सहयोगात्मक दृष्टिकोण की सराहना करते हुए इसे वैश्विक स्वास्थ्य प्रयासों के लिए एक मॉडल बताया।

Exit mobile version