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विश्व विजेता कप्तान हरमनप्रीत बोलीं – ‘यह सामूहिक प्रयास का परिणाम है, हमें इसे आदत में तब्दील करना होगा’

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नवी मुंबई, 3 नवम्बर। ICC महिला विश्व कप विजेता भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को सामूहिक जीत का परिणाम बताया है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि यह एक शुरुआत है और टीम को इसे अपनी आदत में तब्दील करना होगा। उल्लेखनीय है कि मेजबान भारत ने रविवार की रात यहां डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार चैम्पियन का गौरव अर्जित किया।

पूरा श्रेय टीम को, टीम की हर सदस्य को जाता है

आईसीसी अध्यक्ष जय शाह के हाथों चैम्पियन ट्रॉफी ग्रहण करने के बाद कौर ने अपनी टीम की साथी खिलाड़ियों और सहायक कर्मचारियों के योगदान को स्वीकार करते हुए कहा, ‘यह जीत एक सामूहिक प्रयास का परिणाम है। पूरा श्रेय टीम को, टीम की हर सदस्य को जाता है। हमने लगातार तीन मैच गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद जिस तरह से हम खेले। हम जानते थे कि हम चीजों को बदल सकते हैं। हमने खुद पर भरोसा रखा और सकारात्मक रहे। यह टीम जीत की हकदार थी। बीसीसीआई और दर्शकों को भी समर्थन करने का श्रेय, जो उतार चढाव में हमेशा हमारे साथ रहे। यह शुरुआत है। हम इस अवरोध को तोड़ना चाहते थे। हमारी अगली योजना इसे एक आदत में बदलना है। हम इसका इंतजार कर रहे थे, अब यह पल आ गया है।’

शेफाली को गेंदबाजी सौंपना हमारे लिए टर्निंग प्वॉइंट रहा

देखा जाए तो हरमनप्रीत का नेतृत्व 1983 के विश्व कप के दौरान कपिल देव के सहज निर्णय लेने जैसा था। उनकी सहज बुद्धि ने उन्हें शेफाली वर्मा पर भरोसा करने के लिए प्रेरित किया, जो मैच को पलटने में सहायक साबित हुईं। इस मैच से पहले अपने वनडे करिअर में सिर्फ 14 ओवर गेंदबाजी करने वालीं शेफाली ने दो महत्वपूर्ण विकेट लिए।

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘जब लॉरा वोल्वार्ट और सुने लुस बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रही थीं तो मैंने बस शेफाली को वहां खड़ा देखा और मुझे पता था कि यह हमारा दिन है। उसने जैसी बल्लेबाजी की थी तो मुझे लगा कि उसे कम से कम एक ओवर तो देना होगा। और यही हमारे लिए टर्निंग प्वाइंट रहा। उसने कहा कि अगर गेंदबाजी करूंगी तो 10 ओवर डालूंगी। उसे श्रेय जाता है। वह काफी सकारात्मक थी। उसे सलाम।’

अमोल सर हमेशा हमें कुछ खास करने के लिए कह रहे थे

टीम के कोच अमोल मजूमदार को धन्यवाद देते हुए कौर ने कहा कि उन्होंने टीम को महानता के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कप्तान ने कहा, ‘अमोल सर हमेशा हमें कुछ खास करने के लिए कह रहे थे। बीसीसीआई का समर्थन और लगातार टीम चयन भी उनकी सफलता में सहायक था।’ दक्षिण अफ्रीकी टीम के प्रदर्शन पर हरमनप्रीत ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका ने काफी अच्छी बल्लेबाजी की। लेकिन अंत में वे थोड़े घबरा गए, उसका हमने फायदा उठाया। फिर दीप्ति ने वो विकेट झटक लिए।’

शेफाली ने कहा – भगवान ने यहां कुछ करने के लिए भेजा था

फॉर्म में चल रही सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के कारण नॉकआउट में टीम में शामिल हुईं ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ शेफाली ने कहा, ‘भगवान ने यहां कुछ करने के लिए भेजा था। इस अहसास को बयां नहीं कर सकती। सीधे नॉकआउट में आना मुश्किल था। लेकिन भरोसा था। परिवार का पूरा सहयोग था। फाइनल बहुत महत्वपूर्ण था। यह यादगार क्षण है। आज योजना स्पष्ट थी, खुश हूं कि इसके मुताबिक खेल पाई क्योंकि सभी सीनियर्स ने कहा था कि अपना गेम खेलो।’

सचिन जैसे क्रिकेट दिग्गज की उपस्थिति से भी शेफाली को प्रेरणा मिली

सचिन तेंदुलकर जैसे क्रिकेट दिग्गज की उपस्थिति से भी शेफाली को प्रेरणा मिली, जो मैच से पहले ट्रॉफी लेकर मैदान पर पहुंचे थे। शेफाली ने कहा, ‘जब मैंने सचिन सर को देखा तो मुझे अविश्वसनीय प्रोत्साहन मिला। वह मुझे आत्मविश्वास देते रहते हैं। यह यादगार पल न केवल एक जीत का प्रतीक है, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का भी प्रतीक है।’

दीप्ति शर्मा बोलीं – यह सपने जैसा महसूस हो रहा

हरफनमौला दीप्ति शर्मा की बात करें तो उन्होंने फाइनल में 58 रन बनाने के साथ पांच विकेट झटके। उन्होंने टूर्नामेंट में 22 विकेट लेने के साथ 215 से अधिक रन बनाकर नया रिकॉर्ड कायम करके ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का पुरस्कार अपने नाम किया। दीप्ति ने कहा, “यह सपने जैसा महसूस हो रहा है। अच्छा लग रहा है कि मैं इस तरह विश्व कप फाइनल में योगदान दे सकी। मैं हमेशा जिम्मेदारियों का आनंद लेती हूं, चाहे किसी भी विभाग में हूं। मैं परिस्थितियों के अनुरूप खेलना चाहती थी। बतौर आलराउंडर प्रदर्शन करना शानदार रहा। मैं ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ की ट्रॉफी को अपने माता पिता को समर्पित करना चाहती हूं।’’

क्रिकेट मैदान में कभी इतनी भावुक नहीं हुई – स्मृति मंधाना

उप कप्तान स्मृति मंधाना ने कहा, ‘चैम्पियन बनकर कैसी प्रतिक्रिया दूं, पता नहीं चल रहा। अभी समय लगेगा। क्रिकेट मैदान में कभी इतनी भावुक नहीं हुई। यह अविश्सनीय पल है। घरेलू सरजमीं पर विश्व कप जीतना और ‘विश्व चैम्पियन’ का ताज बहुत अवास्तविक लग रहा है। हमने कई बार निराशा झेली हैं। हमें जो समर्थन मिला हैं, उसे बयां नहीं कर सकती। पिछले 40 दिन सपने की तरह बीते। विश्व कप जीतने के लिए 45 दिन तक जागना पड़े तो वो भी करूंगी। हम सभी ने मेहनत की।’

दक्षिण अफ्रीकी कप्तान वोल्वार्ट बोलीं – भारत ने बेहतरीन खेल दिखाया

वहीं दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लॉरा वोल्वार्ट ने कहा, ‘अपनी टीम पर गर्व है, लेकिन भारत ने आज बेहतरीन खेल दिखाया। दुर्भाग्य से हम हार गए।’ उल्लेखनीय है कि वोल्वार्ट ने पूरे टूर्नामेंट मे सर्वाधिक 571 रन बनाए, जिनमें सेमीफाइनल व फाइनल के दौरन ठोके गए शतक भी शामिल थे।

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