नई दिल्ली/ पटना। वेब पत्रकारों की राष्ट्रीय संस्था वेब जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूजेएआई) ने भारत सरकार द्वारा सेंट्रल मीडिया एक्रेडिटेशन गाइडलाइंस-2022 में ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म के लिए काम करने वाले पत्रकारों की मान्यता के लिए दिशानिर्देश भी दिए जाने का स्वागत करते हुए हर्ष व्यक्त किया है। इस गाइडलाइन ने न्यू मीडिया की स्वीकार्यता को मजबूत बुनियाद प्रदान की है।
WJAI के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने सरकार के इस नियम का स्वागत करते हुए कहा कि जो वेब पोर्टल बेहतर काम कर रहे हैं, उन्हें इस नियम से फायदा मिलेगा जबकि जो लोग वेब पोर्टल की आड़ में देश विरोधी जन विरोधी समाज विरोधी कार्य कर रहे हैं, उन पर रोक लगेगी। वेव जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया सरकार के इस नियम का स्वागत करती है तथा वेब पोर्टल का संचालन करने वाले तमाम सदस्यों से आग्रह भी करती है कि वह सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार ही कार्य करें।
देश की सुरक्षा व अखंडता के खिलाफ काम करने वाले पत्रकार सरकारी मान्यता खो देंगे
खबरों की मुताबिक सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के साथ-साथ सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता के लिए हानिकारक तरीके से काम करने वाले पत्रकार अपनी सरकारी मान्यता खो देंगे।
सेंट्रल मीडिया एक्रेडिटेशन गाइडलाइंस-2022 में ऑनलाइन न्यूज प्लेटफार्म के लिए काम करने वाले पत्रकारों की मान्यता के लिए दिशानिर्देश भी दिए गए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया है कि फिलहाल न्यूज एग्रीगेटर्स को मान्यता देने के मुद्दे पर विचार नहीं किया जा रहा है।
नई नीति के मुताबिक यदि कोई पत्रकार देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता, या किसी भी संबंध में प्रतिकूल तरीके से कार्य करता है, तो उसकी मान्यता रद की जा सकती है या फिर वो अपने निलंबन के लिए उत्तरदायी होगा। इसमें अदालत की अवमानना, मानहानि या अपराध के लिए उकसाना भी शामिल है।
झूठी जानकारी या दस्तावेज प्रस्तुत करने पर ही रद की जा सकती है मान्यता
कोई पत्रकार या मीडिया संगठन जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है, झूठी/जाली जानकारी या दस्तावेज प्रस्तुत करता है, तो भी मान्यता को रद की जा सकती है। ऐसी घटना में पत्रकार/मीडिया संगठन को केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन समिति (सीएमएसी) द्वारा तय किए गए नियमानुसार कम से कम दो और अधिकतम पांच वर्षों के लिए मान्यता रद कर दी जाएगी।मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों को सार्वजनिक/सोशल मीडिया प्रोफाइल, विजिटिंग कार्ड्स, लेटर हेड्स या किसी अन्य फार्म या किसी भी प्रकाशित कार्य पर भारत सरकार से मान्यता प्राप्त शब्दों का उपयोग नहीं करना होगा। ये अब प्रतिबंधित कर दिया गया है।
मंत्रालय प्रधान महानिदेशक, प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की अध्यक्षता में सीएमएसी नामक एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें सरकार द्वारा नामित 25 सदस्य शामिल हैं। यह समिति दो वर्षों तक काम करेगी और पत्रकारों की मान्यता को निलंबित करने के लिए जिम्मेदार होगी। सीएमएसी द्वारा नामित पांच सदस्यों वाली सीएमएसी की एक उप-समिति की अध्यक्षता पीआईबी के प्रधान महानिदेशक करेंगे।
ऑनलाइन समाचार प्लेटफार्मों के लिए नई नीति में मान्यता के लिए आवेदन करने वाले डिजिटल समाचार प्रकाशकों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता), नियम, 2021 के नियम 18 के तहत सूचना और प्रसारण मंत्रालय को आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करनी होगी। यह भी बताना होगा कि उन्होंने तय नियमों की अवहेलना नहीं की है।
इसमें ये भी कहा गया है कि मान्यता के लिए आवदेन करने के दौरान ऑनलाइन प्लेटफार्म कम से कम एक वर्ष पुराना होना चाहिए। मान्यता देने से पहले इसके विजिटर्स और पेज व्यूज की भी जानकारी ली जाएगी। मान्यता पाने को आवेदन करने वाली वेबसाइट का भारत में एक रजिस्टर्ड आफिस जरूरी होगा। साथ ही इसका कोई संवाददाता दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित जरूर होना चाहिए। यदि आवेदक द्वारा दी गई जानकारी झूठी पाई गई तो अगले तीन वर्षों के लिए मान्यता के लिए आवेदन करने से वंचित कर दिया जाएगा।
डब्लूजेएआई के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अमित रंजन ने कहा कि यह गाइडलाइन नई मीडिया की स्वीकार्यता को मजबूत बुनियाद प्रदान करेगी। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क़ ने भारत सरकार के इस कदम का गर्मजोशी से स्वागत किया है।
गुजरात की ट्रिम मीडिया प्राइवेट लि. के डिजिटल प्लेटफार्म रिवोइ (रियल वॉइस ऑफ इण्डिया) के सीएमडी विनोद दवे ने केंद्र सरकार की मीडियाकर्मियों के एक्रेडिशन के लिए जारी नई गाइडलाइन और इसके दायरे में ऑनलाइन मीडिया को शामिल करने के निर्णय का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है।