अहमदाबाद, 2 दिसम्बर। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर एक दिसम्बर को हुए मतदान में सौराष्ट्र और कच्छ में 63 प्रतिशत मतदान हुआ, जोकि पिछले चुनाव (2017) से पांच प्रतिशत कम है। लिहाजा सियासी चर्चा है कि – क्या गुजरात में कम मतदान भाजपा को सियासी झटका देगा?
आदिवासी बहुल सीटों पर 70 फीसदी वोटिंग, पाटीदारों की दिलचस्पी घटी
दिलचस्प तथ्य यह है कि आदिवासी असरवाली 14 सीटों पर 70 प्रतिशत के करीब मतदान हुआ है जबकि पाटीदार प्रभाववाली सौराष्ट्र की 12 सीटों पर मतदान पांच से नौ प्रतिशत तक कम हुआ है!
आम आदमी पार्टी की मौजूदगी से सियासी समीकरण गड़बड़ाया
वैसे, इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की मौजूदगी के कारण सियासी समीकरण गड़बड़ाया है, लिहाजा यह सियासी हिसाब लगाना थोड़ा मुश्किल है कि ‘आप’ किसके वोट काटेगी और इससे किसका फायदा-नुकसान होगा?
नए सियासी समीकरण के कारण किसी की भी सरकार बन सकती है
सियासी सयानों का मानना है कि नए सियासी समीकरण के कारण किसी की भी सरकार बन सकती है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि – बीजेपी को कितने वोट मिलते हैं? इसी से पता चलेगा कि गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी की पकड़ बरकरार है या नहीं?