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सिख गुरद्वारा संशोधन विधेयक वापस नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन: एसजीपीसी प्रमुख ने पंजाब सरकार को दी चेतावनी

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अमृतसर, 26 जून। शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को चेतावनी दी कि अगर पंजाब में ‘सिख गुरद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023’ को वापस नहीं लिया जाता तो राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा।

धामी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की आलोचना करते हुए उन पर एसजीपीसी के मामलों में हस्तक्षेप करने तथा इस पर ‘कब्जा’ करने के मकसद से आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की ‘सिख विरोधी सोच’ को लागू करने की कोशिश का आरोप लगाया। धामी विधेयक लाने के राज्य सरकार के कदम के खिलाफ यहां एसजीपीसी के एक विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे।

पंजाब विधानसभा ने 20 जून को ‘सिख गुरद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023’ पारित किया जिसका उद्देश्य स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का निशुल्क प्रसारण करना है। धामी ने यहां एसजीपीसी के सदस्यों को संबोधित करते हुए विधेयक की निंदा की और पंजाब सरकार से इसे तत्काल वापस लेने को कहा।

उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार सिख मामलों में हस्तक्षेप बंद नहीं करती तो अकाल तख्त में अरदास करने के बाद सरकार के खिलाफ एक मोर्चा शुरू किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। धामी ने कहा कि ‘सिख गुरद्वारा अधिनियम, 1925’ में कोई भी संशोधन एसजीपीसी के सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत की मंजूरी से ही किया जा सकता है।

एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार, किसी को भी कानून में संशोधन का अधिकार नहीं है। धामी के शिरोमणि अकाली दल के नेताओं के इशारे पर काम करने के मुख्यमंत्री मान के आरोपों पर एसजीपीसी प्रमुख ने कहा कि उन्हें कोई अपने इशारों पर नहीं चला सकता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वही बोलते हैं जो केजरीवाल उन्हें बोलने के लिए कहते हैं।

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