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थोक मुद्रास्फीति दर में लगातार तीसरे माह गिरावट, 8 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर

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नई दिल्ली, 14 जुलाई। खाद्य, ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें घटने से लगातार तीसरे माह थोक मुद्रास्फीति में बड़ी गिरावट देखने को मिली और यह शून्य से नीचे 4.12 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका लगभग आठ वर्षों का निचला स्तर है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी।

जून में थोक मुद्रास्फीति -4.12 प्रतिशत रही

इसके पहले मई में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) शून्य से नीचे 3.48 प्रतिशत रहा था जबकि एक साल पहले जून, 2022 में मुद्रास्फीति दर 16.23 प्रतिशत थी। वहीं जून का थोक मुद्रास्फीति आंकड़ा अक्टूबर, 2015 के बाद का सबसे कम स्तर है। उस समय थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 4.76 प्रतिशत रही थी। हालांकि थोक मुद्रास्फीति में आई गिरावट के मुकाबले इसी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है जबकि मई में यह 4.3 प्रतिशत थी।

ये रहा थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट का मुख्य कारण

मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि जून के महीने में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट का मुख्य कारण खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस और कपड़ों की कीमतों में आई कमी है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति दर में 1.24 प्रतिशत की गिरावट रही। ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई जबकि मई में इसमें 9.17 प्रतिशत की कमी आई थी। समीक्षाधीन अवधि में विनिर्मित उत्पादों की थोक मुद्रास्फीति में 2.71 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मई में यह 2.97 प्रतिशत घटी थी।

गैर-खाद्य वस्तुओं की थोक कीमतें जून में 2.40 प्रतिशत घटीं जबकि कच्चा तेल एवं प्राकृतिक गैस के दाम 3.01 प्रतिशत गिरे। वहीं खनिजों की थोक कीमतों में मई की तुलना में 4.32 प्रतिशत की गिरावट रही।

विनिर्मित उत्पादों के संदर्भ में 11 समूहों के थोक दाम जून में घट गए जबकि नौ समूहों की कीमतें बढ़ी हैं। गिरावट वाले विनिर्मित समूहों में मूल धातु, रसायन एवं रासायनिक उत्पादन, कपड़ा, रबर एवं प्लास्टिक उत्पाद और कागज एवं कागज से बने उत्पाद शामिल हैं।

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