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डब्ल्यूएचओ की चेतावनी : कोरोना के कारण यूरोपीय क्षेत्र में अगले मार्च तक हो सकती हैं 7 लाख मौतें

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जिनेवा, 24 नवंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में अगले वर्ष मार्च तक सात लाख लोगों की कोविड संक्रमण के कारण मौत हो सकती है।

यूरोपीय क्षेत्र के 53 देशों में अब तक हो चुकी है 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत

गौरतलब है कि कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक 53 देशों में मरने वालों की संख्या पहले से ही 15 लाख से अधिक है। ये वे 53 देश हैं, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन अपना यूरोप क्षेत्र बताता है। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की आगामी स्थिति को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले साल मार्च तक 49 देशों में आईसीयू संकट पैदा हो सकता है।

यूरोप में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले

यूरोप के कई देशों ने कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के दृष्टिगत कोरोना नियमों को सख्त करते हुए नए प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। ऑस्ट्रिया में तो पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की जा चुकी है जबकि कई देश लॉकडाउन लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

फ्रांस, जर्मनी और मिस्र समेत कई देश जल्द ही बूस्टर वैक्सीन को भी आवश्यक करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि कई देशों में कोरोना प्रतिबंधों को लागू करने के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। नेदरलैंड्स में लॉकडाउन के विरोध में तो हिंसक झड़पें तक हुई हैं।

डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि मौजूदा हालात के आधार पर लगता है कि अगले साल मार्च तक कुल मौतों की संख्या 22 लाख तक भी पहुंच सकती है। कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों में लगभग दोगुनी वृद्धि हुई है। औसतन लगभग 4,200 मौतें हर रोज हो रही हैं। अकेले रूस में ही कोरोना से मरने वालों की संख्या 1200 से अधिक थी।

वैक्सीन की पूरी डोज न लेना मौत का प्रमुख कारण

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना है कि इन बढ़ते मामलों और मौतों के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि अब भी एक बड़ी आबादी ने वैक्सीन की पूरी डोज नहीं ली है। साथ ही डेल्टा वेरिएंट भी यूरोप क्षेत्र में तेजी से फैला। डब्ल्यूएचओ यूरोप के निदेशक डॉ. हैंज क्लूज ने लोगों से वैक्सीन लगवाने का आग्रह किया है।

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