नई दिल्ली, 13 जुलाई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि कोरोनारोधी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी लोग अब कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। इनमें संक्रमण के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने के ज्यादा मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हालांकि वैक्सीन की डोज मौत और गंभीर रूप से बीमार पड़ने से लोगों को बचा भी रही है।
डॉ. स्वामीनाथन ने सोमवार को एक कॉन्फ्रेंस में कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के ज्यादातर मामले उन जगहों पर देखे जा रहे हैं, जहां टीककरण दर बहुत कम है और अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार वैक्सिनेशन के बाद अस्पताल में भर्ती और मौत के 75 फीसदी मामलों में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग हैं।
वैक्सिनेटेड लोग किसी लक्षण के बिना भी फैला सकते हैं संक्रमण
डॉ. सौम्या ने चेतावनी देते हुए कहा कि वैक्सिनेट लोग अगर सुरक्षित हो चुके हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि वे संक्रमण का फैलाव नहीं कर सकते हैं। ऐसे लोगों में कोई लक्षण नजर नहीं आता है और ये बड़ी आसानी से लोगों के बीच जाकर संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए डब्ल्यूएचओ लोगों से मास्क पहनने और शारीरिक दूरी बरकरार रखने का आग्रह करता है।
कुछ अध्ययन में दावा किया गया है कि वैक्सीन ले चुके लोगों में संक्रमण कम विकसित होता है। इससे वायरस दूसरे लोगों तक आसानी से नहीं पहुंच पाता. हालांकि डब्ल्यूएचओ मानता है कि इसे समझने के लिए कुछ और शोध पर काम करने की जरूरत है।
वैक्सीन ले चुके लोगों में पांच अलग-अलग लक्षणों की पहचान
हाल ही में जेडओई कोविड सिम्प्टम स्टडी में ऐसे पांच अलग-अलग लक्षणों की पहचान की गई है, जो पिछले कुछ सप्ताह में सामने आए हैं। ये लक्षण पहली और दूसरी वैक्सीन लगने के बाद लोगों में दिखाई दे रहे हैं। लोगों द्वारा एप पर दर्ज किए गए लक्षणों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। हालांकि इसमें किसी वैरिएंट या डेमोग्राफिक इनफॉर्मेशन का जिक्र नहीं किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद यदि कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाए तो उसमें सिरदर्द, नाक बहना, गले में खराश, छींक आना और लगातार खांसी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ये सभी लक्षण कोरोना के सामान्य लक्षणों से काफी ज्यादा मिलते-जुलते हैं।
यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह से वैक्सिनेट होने के बावजूद संक्रमित हो जाए तो उसे सिरदर्द, नाक बहना, छींक, गले में खराश और लॉस ऑफ स्मैल जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि इसमें लगातार खांसी या बुखार जैसी समस्या लगभग खत्म नजर आ रही है।
जेडओई अध्ययन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति वैक्सीन नहीं लेता और वह कोरोना की चपेट में आ जाता है तो उसमें सिरदर्द, गले में खराश, नाक बहना, बुखार और लगातार खांसी जैसे लक्षण खासतौर पर दिखाई देते हैं। इनमें सांस में तकलीफ और लॉस ऑफ जैसे लक्षणों को प्रमुखता से शामिल नहीं किया गया।