ब्रसेल्स, 30, नवंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि प्रारंभिक साक्ष्य के आधार पर कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप से वैश्विक खतरा “बेहद अधिक” है, और इससे “गंभीर परिणाम” हो सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने सदस्य देशों को जारी किए गए technical paper में कहा कि नए संस्करण के बारे में “काफी अनिश्चितता” बनी हुई है। कोविड-19 का नया स्वरूप पहली बार दक्षिणी अफ्रीका में पाया गया था। संगठन ने कहा कि दुनियाभर में इसके और फैलने की आशंका अधिक है।
- भारत ने अफ्रीका को सहायता की पेशकश की
अफ्रीका में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के सामने आने के मद्देनजर भारत ने सोमवार को कहा कि वह टीके, जीवन रक्षक दवाओं और परीक्षण किट की आपूर्ति सहित महाद्वीप में प्रभावित देशों की मदद करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि टीकों की आपूर्ति कोवैक्स के माध्यम से या द्विपक्षीय रूप से की जा सकती है।
मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मलावी, इथियोपिया, जाम्बिया, मोजाम्बिक, गिनी और लेसोथो जैसे अफ्रीकी देशों सहित कोविशील्ड टीकों की आपूर्ति के लिए कोवैक्स द्वारा अब तक दिए गए सभी आदेशों को मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने कहा कि किसी भी नई आवश्यकता को या तो द्विपक्षीय रूप से या कोवैक्स के माध्यम से अनुमानित किया जाएगा, इस पर शीघ्र विचार किया जाएगा। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने कोविड -19, ओमिक्रॉन के एक नए स्वरूप के उद्भव पर ध्यान दिया है। हम उन देशों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं, विशेष रूप से अफ्रीका में, जो अब तक ओमिक्रॉन स्वरूप से प्रभावित हुए हैं।”
बयान में कहा गया है, “भारत सरकार ओमिक्रॉन स्वरूप से निबटने में अफ्रीका में प्रभावित देशों का समर्थन करने के लिए तैयार है, जिसमें मेड-इन-इंडिया टीकों की आपूर्ति भी शामिल है।” इसमें कहा गया है, “हमने बोत्सवाना को कोवैक्सीन की आपूर्ति को भी मंजूरी दे दी है। किसी भी नई आवश्यकता को या तो द्विपक्षीय रूप से या कोवैक्स के माध्यम से पेश किया जाएगा, इस पर तेजी से विचार किया जाएगा।”