जिनेवा, 12 जनवरी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सिफारिश की है कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा की कम्पनी मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। एक मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट में डब्लूएचओ ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित घटिया चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं, जो गुणवत्ता मानकों या विनिर्देशों को पूरा करने में विफल रहते हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं।
नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक के हैं दोनों कफ सिरप
डब्ल्यूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक अलर्ट में कहा, ‘यह डब्ल्यूएचओ मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट दो घटिया (दूषित) उत्पादों को संदर्भित करता है, जिनकी उज्बेकिस्तान में पहचान की गई और 22 दिसम्बर, 2022 को डब्ल्यूएचओ को रिपोर्ट किया गया। घटिया चिकित्सा उत्पाद ऐसे उत्पाद हैं, जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल होते हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं।’
अलर्ट में कहा गया, ‘दो उत्पाद एम्बरोनॉल सिरप और डीओके-1 मैक्स सिरप हैं। दोनों उत्पादों के कथित निर्माता मैरियन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (उत्तर प्रदेश, भारत) हैं। आज तक कथित निर्माता ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को गारंटी नहीं दी है।’
मैरियन बायोटेक कम्पनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित
गौरतलब है कि उज्बेकिस्तान से खांसी की दवा खाने के बाद बच्चों की मौत की खबरें सामने आने के बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक पर संकट के बादल छा गए हैं। इसी कड़ी में बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत से जुड़ी मैरियन बायोटेक कम्पनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया।
गौतम बौद्ध नगर ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने कहा, ‘मैरियन बायोटेक कम्पनी का उत्पादन लाइसेंस पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने पर हमने निलंबित कर दिया है, निरीक्षण के दौरान मांगे गए दस्तावेजों के आधार पर राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा कारण बताओ नोटिस भी दी गई थी, जो उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया था। नमूना परिणाम अब भी लंबित हैं।’ पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि खांसी की दवाई डीओके-1 मैक्स में संदूषण की खबरों के मद्देनजर फार्मा कम्पनी की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है।