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डब्ल्यूएचओ को भरोसा – कोरोना महामारी का अंतिम वर्ष साबित हो सकता है 2022, लेकिन करने होंगे कड़े उपाय

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नई दिल्ली, 2 जनवरी। तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुके कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की बढ़ती रप्तार के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेश डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने भरोसा जताया है कि 2022 कोरोना की महामारी का आखिरी वर्ष साबित हो सकता है। लेकिन इसके लिए कड़े उपाय करने होंगे और विकसित देशों को अपना वैक्सिनेशन अभियान दूसरे देशों के साथ साझा करना होगा।

संकीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन के जमाखोर बन सकते हैं बाधक

डॉ. टेड्रोस ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि वर्ष 2022 में कोरोना महामारी का अंत हो जाएगा। लेकिन संकीर्ण राष्ट्रवाद और वैक्सीन के जमाखोर इसमें बाधा बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की असमानता ने ही ओमिक्रॉन जैसे वैरिएंट के पनपने के लिए आदर्श परिस्थितियां पैदा की हैं। वैक्सीन की असमानता जितनी ज्यादा रहती है, वायरस के विकसित होने का जोखिम भी उतना ज्यादा होता है। इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।

कई देशों में पूरी तरह वैक्सिनेट लोगों की आबादी एक प्रतिशत से भी कम

डब्ल्यूएचओ के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के कई हिस्से टीकाकरण में अब भी काफी पिछड़े हुए हैं। बुरुंडी, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, चाड और हैती जैसे देशों में पूरी तरह वैक्सिनेट लोगों की आबादी एक प्रतिशत से भी कम है जबकि हाई इनकम वाले देशों में यह आंकड़ा 70 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है।

असमानता से निबटने के बाद ही महामारी का अंत होगा

डॉ. टेड्रोस ने कहा, ‘इस असमानता से निबटने के बाद ही हम एक सामान्य जीवन में वापस आने की कल्पना कर सकते हैं। अगर हम असमानता को खत्म करते हैं तो महामारी का अंत हो जाएगा। ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी COVAX, डब्ल्यूएचओ और हमारे सहयोगी दुनियाभर में उन लोगों के लिए वैक्सीन, टेस्ट और इलाज को सुलभ बनाने का काम कर रहे हैं, जिसकी उन्हें जरूरत है।’

अनवैक्सिनेटेड लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 8 गुना ज्यादा

पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर डॉ. टेड्रोस ने कहा, ‘ताजा आंकड़े बताते हैं कि अस्पतालों में दाखिल कोविड-19 के 80 फीसद से ज्यादा मामले वो हैं, जिन्हें बूस्टर डोज नहीं दी गई है। नया डेटा बताता है कि बूस्टर डोज से ओमिक्रॉन में हॉस्पिटलाइजेशन का जोखिम 88 फीसद तक कम हो सकता है। इसके विपरीत अगर आप अनवैक्सिनेटेड हैं तो आपके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 8 गुना ज्यादा होती है। इसलिए जिन लोगों ने अभी तक कोई डोज नहीं लिया है, उन्हें तुरंत वैक्सीन लगवाने का इंतजाम करना चाहिए।’