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डब्ल्यूएचओ का दावा – भारत में कोरोना से 40 लाख लोगों की मौत, स्वास्थ्य मंत्रालय ने आकलन पद्धति पर उठाए सवाल

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नई दिल्ली, 17 अप्रैल। भारत ने देश में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या का आकलन करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पद्धति पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इस तरह के गणितीय मॉडल का इस्तेमाल इतने बड़े भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश के लिए मृत्यु के आंकड़ों का अनुमान लगाने में नहीं किया जा सकता।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 16 अप्रैल को न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित ‘भारत वैश्विक कोविड मृतक संख्या सार्वजनिक करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयास बाधित कर रहा है’ शीर्षक वाले लेख के जवाब में यह टिप्पणी की है।

मंत्रालय ने कहा कि देश ने विश्व स्वास्थ्य निकाय द्वारा अपनायी जाने वाली पद्धति पर कई बार अपनी चिंताएं व्यक्त की है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘भारत की मूल आपत्ति नतीजे से नहीं रही है बल्कि इसके लिए अपनायी जाने वाली पद्धति से रही है।’  मंत्रालय के अनुसार भारत ने डब्ल्यूएचओ को लिखे छह पत्रों समेत कई औपचारिक संदेशों के जरिए अन्य सदस्य देशों के साथ इस पद्धति पर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने 2021 के अंत तक वायरस से संबंधित कुल लगभग 1.5 करोड़ (15 मिलियन) मौतों का अनुमान लगाया है, जो देशों द्वारा रिपोर्ट किए गए आधिकारिक आंकड़ों से दोगुने से अधिक है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डब्ल्यूएचओ के अनुमान से पता चलेगा कि भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम से कम 40 लाख है, जो भारत की ओर से जारी आधिकारिक संख्या का लगभग आठ गुना है। लेकिन चौंका देने वाला अनुमान जारी करने में भारत की आपत्तियों के कारण महीनों की देरी हुई है, जो इस गणना पर आपत्ति कर रहा है कि उसके कितने नागरिक मारे गए और इसे सार्वजनिक होने से रोकने की कोशिश की गई।

मंत्रालय के अनुसार भारत के अलावा चीन, बांग्लादेश, ईरान और सीरिया जैसे अन्य सदस्य देशों ने डेटा के अनौपचारिक सेट की कार्यप्रणाली और उपयोग पर सवाल उठाए हैं।

फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों की बात करें तो भारत में कोविड-19 से मौतों की संख्या 17 अप्रैल तक 5,21,751 तक पहुंची है। यह संख्या कुल संक्रमितों की 1.21 फीसदी है।

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