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सीरम इंस्टीट्यूट की कोवोवैक्स वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने दी आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन कोवोवैक्स (Covovax)  को आपात परिस्थितियों में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।

कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह एक और मील का पत्थर : अदार पूनावाला

पुणे स्थित कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई में यह एक और मील का पत्थर है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बताया कि कोवोवैक्स वैक्सीन ज्यादा असरदार और सुरक्षित है।

डब्ल्यूएचओ से मंजूरी पाने वाली कोरोनारोधी नौवीं वैक्सीन

गौरतलब है कि कोवोवैक्स वैक्सीन को सीरम ने नोवावैक्स (Novavax) कम्पनी के साथ मिलकर तैयार किया है। इस वैक्सीन के जितने भी ट्रायल अब तक किए गए हैं, उसमें यह काफी असरदार साबित हुई है। इसी वजह से डब्ल्यूएचओ ने 9वीं वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी है। वैश्विक संगठन का कहना है कि कम आय वाले देशों को इन वैक्सीन से काफी फायदा होगा और वहां पर कम समय में तेज टीकाकरण किया जाएगा।

कम आय वाले देशों में टीकाकरण की स्थिति को सुधारने के लिए दी गई मंजूरी

डब्ल्यूएचओ  की डॉ. मेरिएंजेला सिमाव का कहना है कि नए वैरिएंट के बीच वैक्सीन ही एक असरदार टूल है, जो लोगों को गंभीर बीमारियों से बचा सकता है। उन्होंने ये भी बताया कि कोवोवैक्स वैक्सीन को इसलिए मंजूरी दी गई है, ताकि कम आय वाले देशों में टीकाकरण की स्थिति को सुधारा जा सके। उनके मुताबिक 41 देश ऐसे हैं, जहां पर अब भी 10 प्रतिशत से भी कम टीकाकरण चल रहा है, वहीं 98 देश ऐसे भी सामने आए हैं, जहां पर 40 प्रतिशत का आंकड़ा नहीं पहुंच पाया है।

 

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