Site icon hindi.revoi.in

…जब परवेज मुशर्रफ ने सौरभ गांगुली को विनम्रता से दी हिदायत – ‘अगली बार इस तरह के एडवेंचर ना करें’

Social Share

नई दिल्ली, 5 फरवरी। पाकिस्तान के दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का कार्यकाल वैसे तो भारत के साथ राजनीतिक व कूटनीतिक संबंधों के लिहाज से काफी विवादित रहा था क्योंकि उनकी अगुआई में ही पाकिस्तान ने कारगिल में भारत को धोखा दिया था। फिलहाल इस जंग से इतर क्रिकेट को लेकर भी परवेज मुशर्रफ की दिलचस्पी काफी ज्यादा रही है।

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बालों की तारीफ करते हुए परवेज मुशर्रफ तो हर किसी को याद हैं। लेकिन परवेज मुशर्रफ का एक किस्सा और भी मशहूर है, जब उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली को फोन कर बड़े ही विनम्रतापूर्वक हिदायत दी थी।

दरअसल, इस वाकये का उल्लेख सौरभ गांगुली ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में किया था। गांगुली की किताब ‘ए सेंचुरी इज नॉट इनफ’ में उन्होंने अपने पाकिस्तान दौरे का जिक्र किया है। भारतीय टीम वर्ष 2004 में पाकिस्तान गई थी और तब सौरभ ही टीम इंडिया के कप्तान थे।

गांगुली ने दिया था सुरक्षाकर्मियों को चकमा

सौरभ गांगुली ने अपनी किताब में लिखा, ‘जब हम साल 2004 में पाकिस्तान गए थे, तब हमारे लिए काफी ज्यादा सुरक्षा थी। मैंने इतनी सिक्योरिटी कभी नहीं देखी थी, हम लाहौर के होटल में रुके थे और उसे एक तरह से किला बना दिया गया था। लेकिन आप यकीन नहीं करेंगे कि उस सुरक्षा के बीच में भी मैं बतौर भारतीय कप्तान उसे चकमा देने में सफल रहा था और होटल से बाहर चला गया था।’

सौरव गांगुली ने लिखा, ‘मुझे पता था कि मैं नियमों का उल्लंघन कर रहा हूं, लेकिन बंदूकों-टैंक से बाहर निकलना जरूरी हो गया था। हमारे कुछ दोस्त लाहौर की फेमस गावलमंडी में जाने का प्लान कर रहे थे, जहां पाकिस्तान का फेमस स्ट्रीट फूड मिलता है और ऐसे में मैंने भी जाने की सोची। मैंने सिक्योरिटी वालों को नहीं बताया और सिर्फ टीम के मैनेजर रत्नाकर शेट्टी को बताया। मैंने टोपी पहनी और साथ में निकल गया। वहां बाजार में मुझे कुछ लोगों ने पहचान लिया और पूछा कि आप सौरभ गांगुली हैं ना… मैंने कुछ को मना किया तो उन्होंने कहा कि मैं उनके जैसा ही लगता हूं..’

अगले दिन आया मुशर्रफ का फोन

भारतीय कप्तान ने इस तरह सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर गावलमंडी में खाना तो खा लिया, लेकिन अगले दिन यह बात पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ तक पहुंच गई थी। सौरभ गांगुली के मुताबिक उस रात की अगली सुबह जब वह अपने होटल रूम में थे, तब एक फोन आया और उन्हें बताया गया कि राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ उनसे बात करना चाहते हैं।

लगा कि वसीम अकरम की खतरनाक इन-कटर को खेलना कम मुश्किल काम था

सौरभ गांगुली ने किताब में जिक्र किया, ‘मैं सहम गया था क्योंकि पाकिस्तान का राष्ट्रपति भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान को फोन क्यों करेगा। परवेज मुशर्रफ ने मुझे बेहद विनम्र तरीके से कहा कि अगर आप अगली बार बाहर जाना चाहते हैं तो सुरक्षाकर्मियों को जरूर जानकारी दें। हम आपके लिए बंदोबस्त कर देंगे। लेकिन अगली बार इस तरह के एडवेंचर ना करें। मैं अजीब महसूस कर रहा था, मुझे महसूस हुआ कि वसीम अकरम की खतरनाक इन-कटर को खेलना कम मुश्किल काम था।’

Exit mobile version