नई दिल्ली, 9 सितंबर। कांग्रेस ने ब्राजील में होने वाले अगले जी 20 शिखर सम्मेलन में “अरबपति कर” की व्यवस्था से जुड़े प्रस्ताव का हवाला देते हुए सोमवार को सवाल किया कि भारत का इस पर क्या रुख रहने वाला है ? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि भारत सरकार इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है जबकि यह भारत के लिए प्रासंगिक है क्योंकि एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 334 लोगों की संपत्ति एक अरब डॉलर से अधिक है।
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आज से ठीक एक साल पहले, जी 20 का वार्षिक शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में शुरू हुआ था। जी 20 की अध्यक्षता हर साल अपने सदस्य देशों के बीच बदलती रहती है। अब से दो महीने बाद अगला जी20 शिखर सम्मेलन ब्राजील में होगा, जिसने “नॉन-बायोलॉजिकल” प्रधानमंत्री की तरह प्रचार और ख़ुद का महिमामंडन नहीं करने का फ़ैसला किया है। ”
उन्होंने दावा किया, “एक साल में कितना कुछ बदल गया है । सितंबर 2023 में प्रधानमंत्री आसमान में उड़ रहे थे लेकिन अभी वह 4 जून 2024 की अपनी राजनीतिक, व्यक्तिगत और नैतिक हार से उबरने में लगे हैं।” कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ब्राजील ने नवंबर में होने जा रहे जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए ‘अरबपति कर’ का प्रस्ताव रखा है।
प्रस्ताव के अनुसार, जिन भी लोगों की संपत्ति एक अरब डॉलर (करीब 8300 करोड़ रुपये) से अधिक है, उनसे उसका 2 प्रतिशत सालाना कर लिया जाए। इस प्रस्ताव का फ्रांस, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी पहले ही समर्थन कर चुके हैं। ”
रमेश ने दावा किया कि भारत इस प्रस्ताव पर स्पष्ट रूप से चुप रहा है। उन्होंने सवाल किया, “जब इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी तब हमारे देश का रुख क्या होगा?” कांग्रेस नेता ने कहा, “यह हमारे लिए अप्रासंगिक नहीं है क्योंकि एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 334 लोगों की संपत्ति एक अरब डॉलर से अधिक है।”