चंडीगढ़, 21 अक्टूबर। पंजाब में कथित ‘जबरन वसूली’ के मामले में घिरे आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री फौजा सिंह सरारी को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जवाब दिया है। मंत्री के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पूछे गए सवाल में मान ने कहा कि उन्हें ‘दिवाली मनाने दीजिए।’ हाल ही में एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर सरारी को जबरन वसूली की योजना बनाते सुना जा रहा है।
पंजाब में सरकार संभालने के बाद उन्होंने पहली बार पत्रकारों से चर्चा की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान अनौपचारिक बातचीत में जब सरारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘आप दिवाली मनाते हैं औ उन्हें भी दिवाली मनाने दीजिए।’ 29 सितंबर को मान ने कहा था कि उन्होंने सरारी को नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, विपक्ष ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी सरकार?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि आप मंत्री के खिलाफ कार्रवाई के मूड में नहीं है। सरकार में एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष को यह संदेश देना चाहती है कि उसका अभियान सरकार को दबाव में आने पर मजबूर नहीं कर सकता। साथ ही सरारी की ऑडियो क्लिप से कोई खास मतलब नहीं था। वह केवल बातचीत थी। वे कहीं भी जबरन वसूली के लिए नहीं गए थे।’
गुजरात चुनाव पर ध्यान
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि सरकार गुजरात में चुनाव पर ध्यान लगा रही है। वह यहां कोई मामलों को सुलझाने में एनर्जी खराब नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा, ‘कैबिनेट इसी तरह जारी रहेगी। हम देखेंगे कि चुनाव के बाद क्या होता है। शायद वे तब कैबिनेट में फेरबदल कर दें। फिलहाल, सरकार का उन्हें बाहर करने का कोई प्लान नहीं है।’
विपक्ष नहीं है शांत
इधर, विपक्ष भी मामले को लेकर शांत बैठने के मूड में नहीं है। कांग्रेस ने सरारी पर कार्रवाई नहीं करने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की बात कही है। शुक्रवार को पार्टी शहीद भगत सिंह के गांव खटकर कलां में मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए धरना देंगे।
क्या कहते हैं मंत्री
सरारी इसे फर्जी बता रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इसे एडिट किया गया और गलत तरीके से पेश किया या है। खबर है कि क्लिप 11 सितंबर को लीक हो गई थी। कथित रूप से उनके ही OSD तरसीम लाल कपूर ने इसे लीक किया था। कहा जा रहा है कि वह अपने रिश्तेदार को बचाने में मदद नहीं करने के चलते मंत्री से दुखी थे।