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पश्चिम बंगाल की औद्योगिक संपदा को मोदी सरकार की पूंजीपति समर्थक नीतियों से खतरा: कांग्रेस

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नई दिल्ली, 3 मई। कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की औद्योगिक संपदा को नरेन्द्र मोदी सरकार की “पूंजीपति समर्थक नीतियों” से खतरा है । पार्टी ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लिखित गारंटी देंगे कि वह दुर्गापुर जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्र अपने “मित्रों” को नहीं देंगे। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पश्चिम बंगाल में मोदी की लोकसभा चुनाव रैलियों से पहले ये सवाल किए।

रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “ क्या प्रधानमंत्री यह वादा कर सकते हैं कि वह दुर्गापुर इस्पात संयंत्र अपने मित्रों को नहीं बेचेंगे? भाजपा धान का एमएसपी बढ़ाने में क्यों विफल रही है? क्या प्रधानमंत्री भारत के बच्चों के लिए टीकों से अधिक अपने पीआर को प्राथमिकता देते हैं?” रमेश ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की औद्योगिक संपदा को मोदी सरकार की पूंजीपति समर्थक नीतियों से खतरा है।

उन्होंने लिखा, “स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के निजीकरण अभियान और सेलम, विशाखापट्टनम, भद्रावती और बस्तर में इस्पात संयंत्र बेचने के प्रधानमंत्री के प्रयास के बीच, ऐसी आशंका है कि दुर्गापुर स्टील प्लांट भी मोदी के उद्योगपति मित्रों में से एक को बेच दिया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि संयंत्र के निजीकरण की वजह से हज़ारों लोगों की आजीविका ख़तरे में पड़ जाएगी और दुर्गापुर का आर्थिक जीवन तबाह हो सकता है। रमेश ने कहा, “दुर्गापुर इस्पात संयंत्र का निजीकरण उन छोटे और मध्यम आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों के लिए भी एक बड़ा झटका होगा जो प्लांट का सपोर्ट करते हैं – ऐसे समय में… जब बंगाल में एमएसएमई पहले से ही नोटबंदी, जीएसटी और बिना तैयारी के लगाए गए लॉकडाउन के तिहरे ख़तरे से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “बंगाल को मोदी सरकार की उपेक्षा भी का सामना करना पड़ा है – कोविड के बाद केंद्र सरकार ने पूरे भारत में कई उर्वरक कारखाने स्थापित किए, लेकिन दुर्गापुर और हल्दिया में संयंत्रों के लिए कोई पहल नहीं की गई।” रमेश ने पूछा, “क्या प्रधानमंत्री, जो कांग्रेस से लिखित प्रतिबद्धता की मांग कर रहे हैं, लिखित गारंटी देंगे कि वह दुर्गापुर जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्रों को अपने मित्रों को नहीं बेचेंगे?”

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