कोलकाता, 21 मई। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से चुनाव हारीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर अपनी पारम्परिक सीट भवानीपुर से उपचुनाव लड़ने का मन बना लिया है। यही वजह है कि भवानीपुर सीट से जीते तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता व राज्य सरकार में कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंपा।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, ‘मैंने चटर्जी से पूछा कि क्या उन्होंने स्वेच्छया से और बिना किसी दबाव के इस्तीफा दिया है? उनके जवाब से संतुष्टि के बाद मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।’
- मैं तो सिर्फ उनकी सीट की रक्षा कर रहा था : शोभनदेव
दूसरी तरफ इस्तीफा सौंपने के बाद चट्टोपाध्याय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मुख्यमंत्री भवानीपुर से दो बार जीत चुकी हैं। सभी पार्टी नेताओं ने चर्चा की और जब मैंने सुना कि वह यहां से चुनाव लड़ना चाहती हैं तो मैंने सोचा कि पार्टी की इच्छा का सम्मान करते हुए मुझे अपनी सीट छोड़ देनी चाहिए। मुझ पर कोई दबाव नहीं है। किसी और में सरकार चलाने की हिम्मत नहीं है। मैंने उससे बात की। यह उनकी सीट थी, मैं बस इसकी रक्षा कर रहा था।’
- ममता को नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी से मात खानी पड़ी थी
गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में ममता ने अपनी पारम्परिक सीट छोड़कर नंदीग्राम से लड़ने का मन बनाया था। लेकिन कभी ममता के करीबी रहे, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके शुभेंदु अधिकारी से कांटे की टक्कर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
ममता को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए छह महीने के अंदर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी है और यही वजह है कि उनके लिए भवानीपुर सीट खाली की गई है।
टीएमसी सूत्रों के अनुसार 70 वर्षीय चट्टोपाध्याय अब खरदाह सीट से किस्मत आजमा सकते हैं, जहां पार्टी विधायक काजल सिन्हा के निधन के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी है।