कोलकाता, 4 अगस्त। वन विभाग की एक महिला अधिकारी को पीटने की धमकी देने पर हुए बवाल के बाद पश्चिम बंगाल के जेल मंत्री अखिल गिरि ने रविवार की शाम आखिरकार इस्तीफा दे दिया। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दबाव में पद छोड़ने वाले गिरि ने अपने द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के लिए खेद तो व्यक्त किया, लेकिन फिर कहा कि गलती महिला अधिकारी की ही थी।
धमकाने का वीडियो सामने आने के बाद टीएमसी ने मंत्री से मांगा था इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि जिला वन अधिकारी मनीषा साहू को पीटने की धमकी देने वाला एक वीडियो वायरल होने के बाद गिरि विवादों में फंस गए थे। वीडियो में उन्हें महिला अधिकारी के साथ मौखिक रूप से दुर्व्यवहार करते देखा गया था। उन्होंने चिल्लाते हुए कहा था, ‘अपना रास्ता सुधारो, नहीं तो मैं तुम्हें डंडे से मारूंगा।’ वीडियो क्लिप के सामने आने पर विवाद पैदा होने के बाद टीएमसी ने आज दिन में ही मंत्री को महिला अधिकारी से माफी मांगने और अपने पद इस्तीफा देने निर्देश दिया था।
गिरि बोले – किसी अधिकारी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता
रामनगर से विधायक अखिलल गिरि को वीडियो में महिला अधिकारी को धमकी देते और अपशब्द कहते देखा जा सकता है। उन्होंने साहू को धमकाते हुए कहा कि ताजपुर समुद्र तट के पास वन विभाग की भूमि पर अतिक्रमण हटाये जाने के बाद उनका कार्यकाल घटा दिया जाएगा। गिरि ने कहा कि किसी अधिकारी से माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन उन्होंने शनिवार को आवेश में आकर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर खेद जताया।
टीएमसी प्रवक्ता ने कहा – पार्टी ऐसे व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगी
तृणमूल कांग्रेस के एक और प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी अपने सदस्यों के इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगी और उन्होंने स्वीकार किया कि गिरि के इस बयान से पार्टी की छवि कुछ हद तक धूमिल हुई है।
वहीं गिरि ने कहा कि वह मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी विधायक बने रहेंगे और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए काम करेंगे। उन्होंने वन अधिकारियों की उनके द्वारा की गई आलोचना दोहराते हुए दावा किया कि तटीय शहर के निकट पर्यटकों को वस्तुएं बेचने वाले छोटे कारोबारियों को हटाने में उन्होंने दया नहीं दिखाई। यह शहर लोकप्रिय समुद्र तटीय शहर दीघा के निकट है। गिरि ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने पैसों के एवज में पूर्व में दुकानें लगाने की अनुमति दी थी।
दो वर्ष पहले गिरि ने राष्ट्रपति मुर्मू के खिलाफ भी की थी विवादास्पद टिप्पणी
यह संयोग ही है कि दो वर्ष पहले 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बारे में भी गिरि ने विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी। तब विपक्ष के भारी हंगामे के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को गिरि की ‘अपमानजनक टिप्पणी’ के लिए माफी मांगनी पड़ी थी।