कोलकाता, 13 अगस्त। पश्चिम बंगाल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध में और उसे न्याय दिलाने की मांग को लेकर जूनियर चिकित्सक मंगलवार को भी हड़ताल पर हैं। चिकित्सकों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।
मंगलवार को सुबह से ही सभी सरकारी चिकित्सालयों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मरीजों की लंबी कतार लगी रही। महिला चिकित्सक की हत्या की मजिस्ट्रेट जांच की मांग कर रहे आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को कोलकाता पुलिस से जांच पूरी करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया है।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे एक जूनियर चिकित्सक ने कहा, ‘‘जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक काम बंद और विरोध जारी रहेगा। हम अपनी मांगों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं। हम घटना की न्यायिक जांच चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें रविवार तक की समयसीमा की क्या जरूरत है? हम पुलिस से बुधवार तक अपनी जांच पूरी करने की मांग कर रहे हैं।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मृतक के माता-पिता से मुलाकात करने के बाद कोलकाता पुलिस को मामला सुलझाने के लिए 18 अगस्त तक की समयसीमा दी और कहा कि जांच पूरी नहीं होने पर वह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप देंगी। शुक्रवार की सुबह अस्पताल के ‘सेमिनार हॉल’ में एक महिला चिकित्सक का शव मिला था और इस अपराध के सिलसिले में शनिवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
रविवार तक जूनियर चिकित्सक आपातकालीन ड्यूटी पर थे, लेकिन सोमवार को सुबह से उन्होंने पूरी तरह से कार्य बंद कर हड़ताल शुरू कर दी। राज्य सरकार ने खासकर ओपीडी समेत अस्पताल में बढ़ती रोगियों की संख्या को देखते हुए सभी वरिष्ठ चिकित्सकों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। विभिन्न अस्पतालों में सर्जरी के लिए भर्ती होने आए मरीजों को वैकल्पिक तिथियां लेने के बाद घर लौटना पड़ा।