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बंगाल उपचुनाव : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रिकॉर्ड जीत, भाजपा की प्रियंका 58 हजार से ज्यादा मतों से हारीं

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कोलकाता, 3 अक्टूबर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उम्मीदों के अनुरूप रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल कर ली है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया ममता ने रविवार को हुई मतगणना में अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को 58,832 हजार मतों से हराया।

पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का रिकॉर्ड तोड़ा

दरअसल, ममता बनर्जी के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई थी। 21 राउंड की गिनती के बाद ममता बनर्जी 58,389  मतों से आगे थीं। उन्हें  कुल 84,709 वोट मिले थे जबकि प्रियंका टिबरेवाल 26,320 वोट पा सकीं थीं। सीपीएम उम्मीदवार श्रीजीब को मात्र 4,201 वोट हासिल हुए। ममता ने इस जीत के साथ ही पूर्व मुख्यंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का रिकॉर्ड तोड़ा, जिन्होंने एक बार यहां से 58,128 मतों से चुनाव जीता था।

भवानीपुर के अलावा बंगाल की दो अन्य सीटों पर 30 सितम्बर को मतदान कराया गया था। अंतिम समाचार मिलने तक अन्य दो सीटों पर भी टीएमसी उम्मीदवारों ने बढ़त बना रखी थी।

ममता ने भवानीपुर की जनता को धन्यवाद दिया

दरअसल, भवानीपुर को ममता बनर्जी का गढ़ माना जाता है, जहां से उन्होंने तीसरी बार चुनाव जीता। 2011 व 2016 में भी यहां चुनाव जीत चुकीं ममता ने स्थानीय जनता को धन्यवाद दिया और कहा कि भवानीपुर से हमेशा कम मतदान हुआ। हालांकि भवानीपुर में 46 प्रतिशत गैर बंगाली वोटर हैं, लेकिन सभी ने उन्हें वोट दिया।

जनता ने कई तरह की साजिशें नाकाम कीं

ममता बनर्जी ने इस दौरान केंद्र पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतने छोटे से विधानसभा क्षेत्र के लिए केंद्रीय बलों के साढ़े तीन हजार जवानों की तैनाती की गई। उन्होंने कहा, ‘हमारे खिलाफ साजिशें की गईं। लेकिन जनता ने कई तरह की साजिशों को झुठला दिया है।’

कार्यकर्ताओं से अपील – जीत का जश्न न मनाएं, बाढ़ पीड़ितों की मदत करें

सीएम ममता की जीत की घोषणा होने के काफी पहले से ही टीएमसी कार्यकर्ता राज्य के कई हिस्सों में ढोल नगाड़ों की थाप पर जश्न मनाने लगे थे। हालांकि जीत के बाद सीएम ममता ने कहा कि कोई भी कार्यकर्ता जीत का जश्न नहीं मनाएंगे। वो बाढ़ पीड़ितों की मदद करें।

गौरतलब है कि इसी वर्ष हुई राज्य विधानसभा चुनाव में ममता को नंदीग्राम विधानसभा सीट से पराजय सहनी पड़ी थी और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें छह माह के अंदर विधानसभा का सदस्य होना जरूरी था। उन्होंने नंदीग्राम में मिली हार का जिक्र करते हुए कहा कि यह मामला कोर्ट में है, इसलिए वो कुछ नहीं कहना चाहती हैं, लेकिन वहां क्या क्या हुआ, इसे लोगों ने देखा है।

टिबरेवाल ने स्वीकार की पराजय

दूसरी तरफ भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा, ‘मैं हार स्वीकार करती हूं, लेकिन मैं कोर्ट नहीं जा रही हूं। हालांकि वे लोग कह रहे थे कि ममता एक लाख वोट से जीतेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं ममता बनर्जी को बधाई देती हूं, लेकिन वह जिस तरह से चुनाव जीतीं है, उसे सभी लोगों ने देखा है।’