कोलकाता, 31 मई। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच जारी टकराव के बीच कोलकाता में सोमवार को तेजी से बदले घटनाक्रम के दौरान मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने नियत तिथि 31 मई को सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तनिक भी समय गंवाए बिना उन्हें अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया। इसके साथ ही राज्य के गृह सचिव एच.के. द्विवेदी को नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है।
- तीन वर्षों की अवधि का होगा अलपन का कार्यकाल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक मीडिया ब्रीफिंग में घोषणा की कि उन्होंने अगले तीन वर्षों के लिए अलपन बंदोपाध्याय को अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त किया है। इसके एवज में अलपन को प्रति माह ढाई लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।
- गत 24 मई को ही दिया गया था तीन माह का सेवा विस्तार
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी से निबटने के मद्देनजर राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र ने गत 24 मई को ही अलपन को तीन माह का सेवा विस्तार दिया था। फिलहाल गत 28 मई को राज्य में तूफान प्रभवित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम मोदी की एक समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ममता और मुख्य सचिव अलपन के कथित तौर पर आधा घंटा विलंब से पहुंचने पर बखेड़ा खड़ा हुआ था।
केंद्र ने उसी रात राज्य सरकार को संदेश भेज दिया कि वह अलपन को तत्काल प्रभाव से मुक्त कर दे। साथ ही अलपन को 31 मई की पूर्वाह्न 10 बजे से पहले दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने को कहा गया था। लेकिन ममता ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच पृष्ठ की चिट्ठी लिखकर केंद्र के इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया वरन अलपन को दिल्ली भेजने से भी इनकार कर दिया।
केंद्र ने अलपन को जारी की कारण बताओ नोटिस
इस बीच दिल्ली के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने अलपन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दी। उधर अलपन ने जहां आनन-फानन में सेवानिवृत्ति ले ली वहीं मुख्यमंत्री ममता ने उन्हें मुख्य सलाहकार की जिम्मेदारी सौंप दी।
- केंद्र का कृत्य शर्मनाम, इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ
ममता बनर्जी ने इस बाबत मीडिया से कहा, मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को नार्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने से संबंधित केंद्र सरकार का पत्र पाकर मैं स्तब्ध हूं। हमने उन्हें पत्र लिखकर कहा था कि वे एकतरफा फैसला नहीं ले सकते। मुख्य सचिव अलपन सरकार में सबसे वरिष्ठ नौकरशाह हैं। यह शर्मनाक है और इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।’
- सेवा विस्तार देने के बाद दिल्ली क्यों बुलाया
ममता ने कहा, ‘केंद्र द्वारा भेजे गए पत्र में कोई कारण नहीं बताया गया है। मैंने 10 मई को पीएम को पत्र लिखकर लोगों के हित के लिए महामारी और चक्रवात से लड़ने के लिए मुख्य सचिव का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था। फिर, केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद अचानक दिल्ली क्यों बुलाया गया।’
मुख्यमंत्री ने केंद्र पर नौकरशाहों को परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सेवा आज यानी 31 मई को समाप्त हो रही है, इसलिए, उनकी सेवाएं केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिए सक्षम नहीं हो सकतीं।
- बंगाल को अलपन की सेवाओं की जरूरत
ममता ने कहा कि अब यह शर्म की बात है। यह जस्टिस नहीं है। उन्होंने केंद्र से पूछा कि कारण स्पष्ट करें कि वो किस कारण से मुख्य सचिव को दिल्ली बुला रहे हैं। उन्होंने इसे बदले की भावना से की गई काररवाई बताया। उन्होंने कहा, ‘बंगाल को अलपन की सर्विस की जरूरत है, इसलिए उन्हें मुख्य सलाहकार बनाया जा रहा है। मैं एक अच्छे व्यक्ति के रूप में पूर्व मुख्य सचिव का सम्मान करती हूं। अलपन को मुख्य सचिव का बैज मिलेगा।’