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पश्चिम बंगाल : भाजपा को बड़ा झटका, मुकुल रॉय की 4 वर्ष बाद घर वापसी, ममता से भेंट कर टीएमसी से फिर जुड़े

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कोलकाता, 11 जून। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शानदार जीत के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शुरू हुईं टूट-फूट की अटकलों के बीच शुक्रवार को पहला बड़ा विकेट गिरा, जब राज्य के कद्दावर नेता मुकुल रॉय ने चार वर्षों बाद घर वापसी का फैसला कर लिया।

कृष्णानगर से विधायक मुकुल रॉय ने दोपहर को पार्टी मुख्यालय तृणमूल भवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दूसरे नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठक की। इसके तुरंत बाद उन्होंने दुबारा पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली।

ज्ञातव्य है कि चार वर्ष पूर्व 2017 में मुकुल रॉय सबसे पहले टीएमसी छोड़ने वाले नेताओं में शामिल थे। नारदा और शारदा घोटाले में कथित रूप से शामिल रहे मुकुल ने खुद भाजपा में शामिल होने के बाद बड़ी संख्या में टीएमसी नेताओं को पार्टी में शामिल कराया था।

यूपीए2 सरकार में रेल मंत्री भी रह चुके मुकुल रॉय भाजपा से जुड़ने के पूर्व टीएमसी सरकार में नंबर 2 के नेता के रूप में हैसियत रखते थे। फिलहाल मुकुल का जाना भाजपा के लिए बड़ा नुकसान है। अब उनकी घर वापसी के बाद उनके करीबी और समर्थकों का भी टीएमसी में जाना तय माना जा रहा है।

बताया जा रहा है कि मुकुल रॉय लंबे समय से भाजपा में उपेक्षित महसूस कर रहे थे। सच पूछें तो बीते विधानसभा चुनाव में कृष्णानगर सीट जीतने के बाद से ही उनकी टीएमसी में वापसी की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं क्योंकि बंगाल में विपक्ष के नेता के रूप में उनका नाम न आगे बढ़ाकर भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी को कमान सौंप दी।

हालांकि शुभेंदु अधिकारी को नेता विपक्ष बनाए जाने के समय मुकुल रॉय ने टीएमसी में वापसी की अटकलों को खारिज किया था। उन्होंने खुद को भाजपा का सिपाही करार देते हुए ट्वीट किया था, ‘बतौर बीजेपी सिपाही राज्य में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी। मैं सभी से अपील करता हूं कि लोग ऐसी अफवाहों पर विराम लगाएं। मैं अपने राजनीतिक मार्ग को लेकर संकल्पित हूं।’

फिलहाल बीते दिनों मुकुल रॉय की पत्नी बीमार हुईं तो टीएमसी में नंबर 2 के नेता और मुख्यमंत्री ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी उनका हालचाल लेने के लिए अस्पताल तक पहुंच गए थे। तभी मुकुल की घर वापसी की अटकलें फिर तेज हो गई थीं। हालांकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुकुल को फोन कर उनकी बीमार पत्नी का हाल जाना और इसी बहाने स्थितियों को सामान्य बनाने की कोशिश की थी।

इसी दौरान मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए ममता सरकार की आलोचना करने वालों को नसीहत दे डाली थी। उन्होंने कहा था कि जनता के समर्थन से सत्ता में आई सरकार की आलोचना करने वालों को पहले अपने भीतर झांकना चाहिए।

बीते दिनों मुकुल रॉय की नाराजगी उस वक्त भी सामने आई, जब वह कोलकाता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की तरफ से आहूत बैठक से नदारद रहे थे। तब बताया गया कि उन्हें आखिरी वक्त पर मीटिंग की जानकारी दी गई थी। हालांकि भाजपा ने स्पष्ट किया गया था कि पोस्ट कोविड शिकायतों के चलते मुकुल रॉय आइसोलेशन में हैं, इसलिए मीटिंग में नहीं पहुंचे। खैर, अब मुकुल रॉय ने टीएमसी में वापसी का रास्ता खोल दिया है तो देखने वाली बात होगी कि वह और कितनों का भाजपा से मोह भंग कराने में सफल रहते हैं।

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