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वैश्विक औसत से लगभग दोगुना गर्म हो रहा पश्चिम एशियाई क्षेत्र, विनाशकारी प्रभाव पड़ने की आशंका

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नई दिल्ली, 13 सितम्बर। मिस्र में इसी वर्षांत संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन पर प्रस्तावित 27वें सम्मेलन से पहले एक नए जलवायु अध्ययन में पता लगा है कि पश्चिम एशियाई क्षेत्र वैश्विक औसत से लगभग दोगुना गर्म हो रहा है। इसका लोगों और अर्थव्यवस्थाओं पर विनाशकारी प्रभाव पड़ने की आशंका है।

क्षेत्र के 40 करोड से अधिक लोग गर्मी, सूखे और समुद्री स्तर में वृद्धि का सामना कर रहे

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र के 40 करोड से अधिक लोग अत्यधिक गर्मी, लंबे समय तक सूखे और समुद्र के स्तर में वृद्धि का सामना कर रहे हैं।

यूरोपीय संघ से भी अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का स्रोत बन रहा

अध्ययन से पता चला है कि तेल से समृद्ध क्षेत्र में पि‍छले कई वर्षों में यूरोपीय संघ से भी अधिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का स्रोत बन रहा है। अध्ययन में पश्चिम में ग्रीस और मिस्र से लेकर लेबनान, सीरिया और इराक तक और खाड़ी के राज्यों बहरीन, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात के साथ-साथ पूर्व में ईरान तक फैले क्षेत्र को शामिल किया गया है।

पेरिस समझौता लागू कराने के लिए 200 देशों के प्रतिनिधि शर्म अल-शेख में मिलेंगे

लगभग 200 देशों के प्रतिनिधि इस साल नवंबर में मिस्र के लाल सागर रिसॉर्ट शहर शर्म अल-शेख में मिलेंगे ताकि 2015 के पेरिस समझौते को लागू कराया जा सके।

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