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‘बंदरों में हनुमान जी को देखते हैं.. सरकार नसबंदी करा रही, अखिलेश यादव ने BJP नेताओं को बताया धार्मिक साइंटिस्ट

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आगरा। रामचरितमानस को लेकर बिहार से छिड़ा विवाद यूपी में थमने का नाम नहीं ले रहा है। जाति, धर्म और रामचरित मानस को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। इसी बीच रविवार को आगरा पहुंचे समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर धार्मिक हमला बोलते हुए बीजेपी नेताओं को धार्मिक वैज्ञानिक बता दिया।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू मान्यताओं में बंदरों को हनुमान जी (Hanuman) का रूप माना जाता है। बंदरों में हम सभी लोग हनुमान जी को देखते हैं और लेकिन भाजपा वाले उनकी नसबंदी करा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे खुद बुराई करते हैं लेकिन दूसरा कोई कुछ बोल दे तो उसपर आरोप लगा देते हैं।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आगरा में एक शादी सामारोह में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। अखिलेश यादव ने कहा कि रामचरितमानस से उन्हें कोई शिकायत नहीं है, भगवान श्रीराम को वह भी मानते हैं, लेकिन जो गलत है वो गलत है। योगी जी मुख्यमंत्री होकर शायद भजन नहीं सुन पाते होंगे, लेकिन वे आज भी रोजाना एक घंटा भजन सुनते हैं। रामधारी सिंह दिनकर की किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने लिखा था कि शुद्र होने पर दानवीर कर्ण ने कितना अपमानित होना पड़ा था। जब वह युद्ध करना चाहते थे और समारोह में शामिल होने जाते थे।

समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के लोग चमत्कारी और मायावी है वे पता नहीं कब क्या कर दें। उन्होंने कहा कि देश में जाति की समस्या 5 हजार साल पुरानी है। यह कभी नहीं बदल सकती है। डॉ. भीमराव आंबेडकर, डॉ. राममनोहर लोहिया ने जाति व्यवस्था के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। शुद्र शब्द को मुख्यमंत्री योगी जी बेहतर तरीके से परिभाषित कर सकते हैं कि शुद्र क्या है। मैं उनसे जानता चाहता हूं कि वे मुझे बताएं कि शुद्र कौन हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि सडक़ पर जानवर दिखाई नहीं देंगे, लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं जाता है जब सांड से सड़क़ पर किसी की जान ना चली जाए। उन्होंने कहा कि जिन जानवरों की सुरक्षा करनी चाहिए उन्हें समाप्त किया जा रहा है। करोड़ों रुपये खर्च करके जानवरों की नसबंदी की जा रही है। जिनमें बंदर भी शामिल हैं जिनमें हम हनुमाजी को देखते हैं।

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