वाराणसी, 26 अप्रैल। केरल के कोच्चि में शुरू देश की पहली वाटर मेट्रो की तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में वाटर टैक्सी चलाने की तैयारी हो रही है। यह टैक्सी गंगा नदी के किनारे स्थित सभी 80 घाटों को जोड़ेगी। बीच में इसके लिए चार स्टेशन बनाए जाएंगे।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में एक समारोह के बीच कोच्चि वाटर मेट्रो का उदघाटन किया था। वॉटर मेट्रो सर्विस कोच्चि सिटी से आस-पास के 10 टापुओं को जोड़ेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए 23 वॉटर मेट्रो बोट्स और 14 टर्मिनल होंगे। इनमें से 4 टर्मिनल वॉटर मेट्रो सर्विस के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जब यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा, तब वॉटर मेट्रो सर्विस में 78 बोट्स और 38 टर्मिनल भी होंगे।
वाटर टैक्सी से पर्यटक गंगा के खूबसूरत घाटों का नजारा भी ले सकेंगे
कुछ इसी तर्ज पर काशी में वाटर टैक्सी का इस्तेमाल न सिर्फ परिवहन के लिए किया जा सकेगा बल्कि लोग बनारस के खूबसूरत घाटों का नजारा भी इससे ले सकेंगे। अभी बनारस में क्रूज और कार्गो का संचालन हो रहा है। इसका इस्तेमाल केवल पर्यटक ही करते हैं। लेकिन वाटर टैक्सी का इस्तेमाल बनारस के लोग सड़क पर जाम से छुटकारे के लिए भी कर सकेंगे।
बनारस में सबसे उत्तर में नमो घाट स्थित है जबकि सबसे दक्षिण में अस्सी घाट है। कुल 80 घाटों के बीच वाटर टैक्सी चलाने की तैयारी भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और पर्यटन विभाग कर रहा है। इनके बीच चार स्टेशन बनेंगे। सभी घाटों पर जलमार्ग प्राधिकरण फ्लोटिंग जेटी उपलब्ध कराएगा। इससे लोगों को उतरना और चढ़ना आसान हो जाएगा।
प्राधिकरण के चेयरमैन संजय बंद्योपाध्याय और कमिश्नर कौशलराज शर्मा के बीच इस बाबत सहमति बन गई है। गंगा में जल परिवहन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनारस आए बंद्योपाध्याय ने कमिश्नरी सभागार में अफसरों के साथ बैठक भी की। चेयरमैन ने राल्हूपुर (रामनगर) मल्टी मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) का निरीक्षण किया। टर्मिनल के विस्तार व फ्रेट विलेज प्रोजेक्ट की प्रगति जानी।
उन्होंने प्रयागराज से पटना तक गंगा में जल प्रवाह और उसकी गति के आधार पर कार्गो संचालन की संभावना पर विचार-विमर्श किया। टर्मिनल और फ्रेट विलेज के लिए जमीन अधिग्रहण में तेजी लाने का निर्देश दिया।
सेवानिवृत्त लेखपाल-कानूनगो कराएंगे जमीन अधिग्रहण
टर्मिनल और फ्रेट विलेज के लिए कमिश्नर ने पीडब्ल्यूडी और राजस्व विभागों को अधिग्रहण से पूर्व चिह्नित भूमि के निरीक्षण व सत्यापन का निर्देश दिया। इसके बाद शासन को हफ्तेभर में प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने भूमि अधिग्रहण के लिए सेवानिवृत्त लेखपाल और कानूनगो की संविदा पर नियुक्ति का भी निर्देश दिया। एसएलएओ को अधिग्रहित जमीनों की धनराशि जल्द जारी करने आश्वासन दिया।
चेयरमैन ने बताया कि दिसम्बर तक अधिग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि एमएमटी विस्तार के लिए 19 हेक्टेयर जमीन ली जा चुकी है। छह हेक्टेयर का अधिग्रहण होना है। वहीं फ्रेट विलेज के लिए 75 एकड़ में केवल नौ एकड़ जमीन ली जा सकी है।