पटना, 16 नवम्बर। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी पराजय के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू यादव के दो बेटों व सात बेटियों वाले परिवार में ‘विद्रोह’ के स्वर तेज हो गए हैं। इसकी पहली बानगी चुनाव परिणाम के एक दिन बाद शनिवार को दिखी, जब लालू यादव को किडनी दान करने वाली उनकी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव और उनके सलाहकारों – संजय यादव व रमीज पर गंभीर आरोप लगाते हुए राजनीति के साथ-साथ परिवार से भी नाता तोड़ने का एलान कर दिया। उनके बाद अब तेजस्वी की तीन और बहनों का राबड़ी आवास छोड़ दिया है।
कल मुझे गालियों के साथ बोला गया कि मैं गंदी हूँ और मैंने अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवा दी , करोड़ों रूपए लिए , टिकट लिया तब लगवाई गंदी किडनी .. सभी बेटी – बहन , जो शादीशुदा हैं उनको मैं बोलूंगी कि जब आपके मायके में कोई बेटा – भाई हो , तो भूल कर भी अपने भगवान रूपी पिता को…
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 16, 2025
रोहिणी आचार्य ने लगाया बदसलूकी के आरोप
उल्लेखनीय है कि तेजस्वी यादव को सीएम चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर सरकार बनाने का दम्भ भरने वाली पार्टी सिर्फ 25 सीटों पर सिमट कर रह गई। इसके बाद रोहिणी आचार्य ने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव और उनके करीबी राज्यसभा सांसद संजय यादव पर मोर्चा खोल दिया। रोहिणी ने आरोप लगाया कि चुनाव में हार के संबंध में सवाल पूछने पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और उन्हें चप्पल से पीटने तक की बात कही गई। इन आरोपों के बाद रोहिणी ने न सिर्फ पार्टी की राजनीति छोड़ी, बल्कि परिवार से हर नाता तोड़कर पहले दिल्ली और फिर सिंगापुर जाने का फैसला कर लिया। वह अब सोशल मीडिया के जरिए अपनी बातों को सामने रख रही हैं।
कल एक बेटी, एक बहन , एक शादीशुदा महिला , एक माँ को जलील किया गया , गंदी गालियाँ दी गयीं , मारने के लिए चप्पल उठाया गया , मैंने अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया, सच का समर्पण नहीं किया , सिर्फ और सिर्फ इस वजह से मुझे बेइज्जती झेलनी पडी ..
कल एक बेटी मजबूरी में अपने रोते हुए…— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) November 16, 2025
चंदा, रागिनी और राजलक्ष्मी भी दिल्ली रवाना
रोहिणी आचार्य के तेजस्वी यादव पर लगाए गए आरोपों और उनके घर छोड़ने की घटना के बाद, लालू प्रसाद यादव की तीन अन्य बेटियों चंदा (तीसरी बेटी), रागिनी (चौथी बेटी) और राजलक्ष्मी (सातवीं व सबसे छोटी बेटी) ने भी राबड़ी आवास छोड़ दिया। ये तीनों बहनें अपने-अपने परिवार और बच्चों को लेकर पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।
लालू परिवार की इन सभी बेटियों का एक साथ राबड़ी आवास छोड़ना इस बात का संकेत है कि बिहार चुनाव में मिली दुर्गति के बाद परिवार के अंदर तनाव चरम पर है और सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर अंदरूनी मतभेद गहरा गए हैं।
गौरतलब है कि आरजेडी को चुनाव में प्रचंड जीत की पूरी संभावना थी, जिसके जश्न की तैयारी भी राबड़ी आवास में थी। सभी बहनें राबड़ी आवास में डेरा डाली हुई थीं। हालांकि, नतीजों ने तेजस्वी यादव के सभी दांवों को उल्टा कर दिया और आरजेडी के लिए ये एक करारी हार साबित हुई। चुनावी दुर्गति ही लालू परिवार में इस विद्रोह की जड़ बनी। दरअसल, पारिवारिक विरासत में मिली सत्ता के सामने हमेशा चुनौतियां रहती हैं। इस हार ने उन दबी-ढंकी गलतियों को ‘ज्वालामुखी’ की तरह बाहर ला दिया है।

