नई दिल्ली, 15 जून। नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एन.सी.एल.टी.) चंडीगढ़ बैंच द्वारा विस्तारा एयरलाइन और टाटा समूह की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को विलय की मंजूरी दिए जाने के बाद दोनों कंपनी ने विलय की प्रक्रिया शुरु कर दी है। इस बाबत विस्तारा एयरलाइन ने विलय को लेकर एक पब्लिक नोटिस भी जारी कर दिया है। जिसमें कंपनी की ओर से कहा गया है कि टाटा एस.आई.ए. एयरलाइंस लिमिटेड (ब्रांड नाम विस्तारा) जल्द ही टाटा समूह की बड़ी एयरलाइन, एयर इंडिया लिमिटेड का हिस्सा बन जाएगी। जिससे आपको एक बड़े बेड़े से जुड़े व्यापक वैश्विक नेटवर्क तक पहुंच मिल सकेगी।
उधर विल्सन और विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कन्नन के बयान के मुताबिक एयर इंडिया और विस्तारा का विलय संभवतः 2024 के अंत या 2025 की शुरुआत तक पूरा हो जाएगा। एन.सी.एल.टी. ने दोनों एयरलाइनों को अपने नेटवर्क, मानव संसाधन और बेड़े की तैनाती को एकीकृत करने की भी अनुमति दी है। विस्तारा टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड (एस.आई.ए.) का एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें टाटा संस की भागीदारी में 51% हिस्सेदारी है और सिंगापुर एयरलाइंस की 49% हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट के मुताबिक विस्तारा ब्रांड की मूल कंपनी, टाटा एस.आई.ए. एयरलाइंस लिमिटेड के रूप में रजिस्टर्ड है। सिंगापुर की प्रमुख एयरलाइन ने नवंबर 2022 में विस्तारा और एयर इंडिया के विलय की अपनी योजना की घोषणा की थी, ताकि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक प्रमुख पूर्ण-सेवा एयरलाइन बनाई जा सके। सौदे की शर्तों के मुताबिक ऑटो-टू-स्टील समूह टाटा के पास ज्वाइंट वेंचर का 74.9% हिस्सा होगा, जबकि सिंगापुर एयरलाइंस के पास शेष 25.1% हिस्सा होगा। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सी.सी.आई.) ने सितंबर 2023 में ही विलय को मंजूरी दे दी थी। इस साल मार्च में सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक ने भी एयर इंडिया और विस्तारा के बीच विलय को मंजूरी दे दी थी।
विस्तारा ने जनवरी 2015 में वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया था और उसके पास 70 विमानों का बेड़ा है। एयर इंडिया और विस्तारा के विलय के अलावा समूह अपनी बजट वाहक एयर इंडिया एक्सप्रेस और ए.आई.एक्स. कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) के विलय की प्रक्रिया में भी है। एक बार जब दोनों विलय पूरे हो जाएंगे तो एयर इंडिया समूह के पास एक पूर्ण-सेवा वाहक एयर इंडिया और एक कम लागत वाली एयरलाइन एयर इंडिया एक्सप्रेस होगी। एयर इंडिया के सी.ई.ओ. कैंपबेल विल्सन के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीजें अब तक अच्छी हैं और वे एकीकरण के बाद सभी नई सेवाओं के ट्रांसफर पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डी.जी.सी.ए. ) के साथ काम कर रहे हैं।