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असम : दरांग में अतिक्रमण हटाने के दौरान हिंसक झड़प, दो प्रदर्शनकारियों की मौत, 9 पुलिसकर्मी घायल

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गुवाहाटी, 23 सितम्बर। पूर्वोत्तर राज्य असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में गुरुवार को अवैध अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस बवाल में कम से कम दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और नौ पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार की सुबह हजारों की संख्या में लोग गांव में जुटे। दोपहर में प्रदर्शनकारियों, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव शुरू कर दिया।

इसी क्रम में कुछ प्रदर्शनकारियों ने धारदार हथियारों से पुलिस पर हमला कर दिया। इसमें नौ पुलिसकर्मी घायल हुए। जवाबी काररवाई में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पांच मिनट बाद फायरिंग शुरू कर दी।

जून माह में बड़े पैमाने पर चलाया गया था अभियान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार असम सरकार ने दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में गत जून माह में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया था। इससे 800 परिवार बेघर हो गए थे। सरकार का दावा है कि ये लोग यहां अतिक्रमण करके रह रहे थे। इस गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाल मूल के मुसलमान रहते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार इस गांव में पहली बार जून में ऐसा अभियान चलाया गया था, जिसके बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने यहां का दौरा किया था। कमेटी ने बताया था कि उस अभियान में और एक हिन्दू और 49 मुस्लिम परिवारों को यहां से हटाया गया था। उस दौरान गांव की 120 बीघा जमीन को खाली कराया गया था, जो प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी थी।

हालांकि, सोमवार को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया था। ढोलपुर गोरुखुटी के निवासियों का कहना है कि बेदखल किए गए परिवारों की संख्या 900 से ज्यादा है और इससे 20 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

राहुल गांधी बोले –  राज्य प्रायोजित आग में जल रहा असम

इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने घटना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए इसे राज्य प्रायोजित बताया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है। मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।’

वहीं, असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने असम सरकार की निंदा करते हुए इसे अमानवीय बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी बेदखल करने के खिलाफ निर्देश दिया था, फिर भी सीएम डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार लोगों को बेदखल कर रही है, जो 1970 से यहां रह रहे थे।

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