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रामनवमी-हनुमान जयंती पर हिंसा : पूर्व CJI की अध्यक्षता में नहीं होगी जांच, सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज की जनहित याचिका

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नई दिल्ली, 26 अप्रैल । देश की सर्वोच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट ने देश में रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर भड़की हिंसा की न्यायिक जांच को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘उस राहत के लिए मत पूछो जो इस अदालत द्वारा नहीं दी जा सकती।’

बता दें कि हाल ही में रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान देश के कुछ राज्यों में हिंसा भड़की थी। इन घटनाओं की जांच की मांग को लेकर पीआईएल दायर की गई थी। याचिका में हिंसा की जांच पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की मांग की गई थी। ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है। पीआईएल को जस्टिल एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने खारिज किया है।

कोर्ट में बहस के दौरान वकील विशाल तिवारी ने कहा कि देश में स्थिति चिंताजनक है और केवल एकतरफा जांच चल रही है। इसके जवाब में बेंच ने कहा, ‘आप एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच चाहते हैं। क्या कोई फ्री है? आप पता लगाएं और हमें बताएं।’

बता दें कि हाल ही में दिल्‍ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जन्‍मोत्‍सव के अवसर पर हिंसा भड़की थी। इससे पहले राजस्थान, गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में रामनवमी के दौरान हिंसा हुई थी। हिंसा में कई लोग घायल हो गए। इसके अलावा कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

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