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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, राजधानी इंफाल में कर्फ्यू घोषित, सेना दुबारा बुलाई गई

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इंफाल, 22 मई। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर हिंसा भड़क उठी है। इंफाल के न्यू चेकॉन इलाके में मैतेई और कुकी समुदायों के एक वर्ग के बीच भिड़ंत हो गई, जिसके बाद एक बार फिर तनाव बढ़ गया है।

स्थानीय बाजार में जगह को लेकर झड़प शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गई। आगजनी की घटनाओं के बाद इंफाल में कर्फ्यू घोषित कर दिया गया। पहले इंफाल में अपराह्न चार बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी, लेकिन ताजा हिंसा के बाद दोपहर एक बजे के बाद कर्फ्यू फिर से लगा दिया गया। स्थिति को देखते हुए सेना को वापस बुला लिया गया है।

ज्ञातव्य है कि मणिपुर करीब एक महीने से कई मुद्दों को लेकर जातीय संघर्ष का गवाह रहा है। इस महीने की शुरुआत में पहाड़ी राज्य में दो समुदायों के बीच झड़प शुरू हुई। कुकी आदिवासियों ने गत तीन मई को मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में एकजुटता मार्च निकाला था। इसके बाद भड़की हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

हिंसा के दौरान करोड़ों की संपत्ति को आग लगा दी गई और हजारों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोगों को सरकार द्वारा आयोजित शिविरों में रहना पड़ा। हिंसा की शुरुआत में आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने के बाद कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए, फिर झड़पें हुईं। हालात काबू में करने के लिए सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के करीब 10,000 कर्मियों को तैनात करना पड़ा।

गौरतलब है कि मणिपुर में 16 जिले हैं और यहां पर 53 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। मणिपुर में 42 प्रतिशत कुकी, नागा के अलावा दूसरी जनजातियां रहती हैं। मैतेई समुदाय के लोगों का कहना है कि 1970 के बाद पर यहां कितने रिफ्यूजी आए हैं, इसकी गणना की जाए और यहां पर एनआरसी लागू किया जाए। मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी हिस्से में जमीन नहीं खरीद सकते, लेकिन कुकी समुदाय के लोग घाटी के इलाके जहां मैतेई रहते हैं, वहां जमीन खरीद सकते हैं। टकराव की एक सबसे बड़ी वजह ये भी है।