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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, उग्रवादियों के हमले में 9 लोगों की मौत, 10 घायल

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इम्फाल, 14 जून। पिछले एक माह से भी ज्यादा समय से जातीय हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फिर हिंसा भड़क उठी, जब खामेनलोक इलाके के एक गांव में संदिग्ध उग्रवादियों के हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने मंगलवार को मध्यरात्रि बाद करीब एक बजे इम्फाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक इलाके में ग्रामीणों को घेर लिया और हमला कर दिया। गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए हैं। यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल ईस्ट जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं से लगा है।

इंटरनेट सेवाएं निलंबित, 11 जिलों में कर्फ्यू

इस बीच, इम्फाल ईस्ट और इम्फाल वेस्ट में जिला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील के समय को कम करते हुए, उसे भोर में पांच बजे से शाम छह बजे की बजाय भोर में पांच से पूर्वाह्न नौ बजे तक कर दिया है। हिंसा प्रभावित मणिपुर के 16 जिलों में से 11 में अब भी कर्फ्यू लगा है जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।

जातीय हिंसा में अब तक 115 लोगों की मौत

मणिपुर में गत तीन मई को एक मार्च के दौरान भड़की जातीय हिंसा में अब तक लगभग 115 लोगों की मौत हुई है और 310 घायल हुए हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं। मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों – नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

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