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मणिपुर : आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़की, हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना तैनात, 8 जिलों में कर्फ्यू लागू

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इम्फाल, 4 मई। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में आदिवासियों के आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद कई इलाकों में तनाव व्याप्त हो गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है और इंटरनेट सेवा बंद करने के साथ आठ जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं, जिनमें हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से लोग भयाक्रांत होकर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं।

4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

सेना के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है। अब तक चार हजार लोगों को सुरक्षा बलों ने हिंसा प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया है। और भी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। रात में सेना और असम राइफल्स की मांग की गई थी और राज्य पुलिस के साथ बलों ने सुबह तक हिंसा पर नियंत्रण पा लिया।

गौरतलब है कि इम्फाल घाटी में वर्चस्व रखने वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को यह हिंसा भड़की।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मार्च में हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया, जिसके दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच झड़पें हुईं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई बार आंसू गैस के गोले छोड़े। उत्तेजित युवकों को इम्फाल पश्चिम जिले के कांचीपुर और घाटी में पूर्वी इम्फाल के सोइबाम लीकाई इलाकों में इकट्ठा होते देखा गया।

पूरे राज्य में मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं 5 दिनों के लिए निलंबित

उन्होंने बताया कि स्थिति को देखते हुए गैर-आदिवासी बहुल इम्फाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और विष्णुपुर जिलों तथा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। पूरे राज्य में मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं पांच दिनों के लिए निलंबित कर दी गईं हैं।

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