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विनेश फोगाट एशियाई खेलों में नहीं लेंगी हिस्सा, घुटने की चोट से परेशान हैं 2018 की चैम्पियन

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नई दिल्ली, 15 अगस्त। चीनी शहर हांगझू में 23 सितम्बर से प्रस्तावित एशियाई खेलों के पहले भारतीय अभियान को तगड़ा झटका लगा, जब भारतीय स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने मंगलवार को इन खेलों से हटने की घोषणा कर दी। विनेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए सूचना दी है कि घुटनों में चोट के कारण वह एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगी। उन्हें चोटिल घुटने की सर्जरी करानी है।

17 अगस्त को मुंबई में होगी घुटने की सर्जरी

2018 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने X पर कहा, ‘कुछ दिन पहले ट्रेनिंग के दौरान मेरे घुटने में चोट लग गई थी। स्कैन करने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि सर्जरी ही मेरे लिए एकमात्र विकल्प है। 17 अगस्त को मुंबई में मेरी सर्जरी होगी।’

एशियाड में खिताब का बचाव नहीं कर पाने से मैं काफी निराश हूं

विनेश ने कहा, ‘भारत के लिए अपना एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक बरकरार रखना मेरा सपना था, जो मैंने 2018 में जकार्ता में जीता था। इस संस्करण में अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाने से मैं काफी निराश हूं। इस चोट ने अब मेरी भागीदारी को खारिज कर दिया है। मैंने संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचित कर दिया है ताकि रिजर्व खिलाड़ी को एशियाई खेलों में भेजा जा सके।’

अंतिम पंघाल भारतीय टीम में लेंगे विनेश की जगह

53 किग्रा ट्रायल जीतने वाले अंतिम पंघाल अब भारत की एशियाई खेलों की टीम में विनेश की जगह लेंगे। 19 वर्षीय खिलाड़ी अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए जॉर्डन में है।

राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार का स्वर्ण पदक विजेता फोगाट ने कहा, ‘मैं सभी प्रशंसकों से अनुरोध करना चाहूंगी कि वे मेरा समर्थन करना जारी रखें ताकि मैं जल्द ही मैट पर मजबूत वापसी कर सकूं और पेरिस 2024 ओलंपिक के लिए तैयारी कर सकूं। आपके समर्थन से मुझे बहुत ताकत मिलती है।’ फिलहाल ऑपरेशन के चलते विनेश विश्व चैंपियनशिप में भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगी, जिसके लिए ट्रायल 25-26 अगस्त को पटियाला में होने वाला है।

विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट दी गई थी

गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का झंडा बुलंद करने वालीं विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को एशियाई गेम्स में शामिल होने को लेकर ट्रायल की छूट दी गई थी, जिसके बाद अन्य पहलवानों ने जमकर हंगामा मचाया था।

इसकी आलोचना करते हुए कई पहलवानों ने कहा था कि फोगट और पुनिया का चयन छूट नीति के अनुरूप नहीं था, उन्होंने दावा किया कि कोई विदेशी विशेषज्ञ नहीं थे और पुनिया और फोगट को छूट देने का निर्णय मुख्य प्रशिक्षकों की सिफारिशों के बिना लिया गया था। हालांकि, दिल्ली हाई कोर्ट ने फोगाट और पुनिया को दी गई छूट को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी। अदालत के फैसले के बावजूद विवाद ने प्रतिष्ठित आयोजन के लिए चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता के बारे में चिंताओं को उजागर किया था।